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    एक अमेरिकी डॉक्टर ने एप्पल कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि कूपर्टीनो स्थित आईफोन निर्माता इस कंपनी ने उनके द्वारा आविष्कृत प्रौद्योगिकी के जैसी ही एक प्रौद्योगिकी का उपयोग अपनी घड़ी में किया है। जिस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल एप्पल कंपनी की इस घड़ी में किया गया है, उससे अट्रियल फिब्रिलेशन का पता लगाया जा सकता है। इसे अलिंद विकंपन के नाम से भी जाना जाता है। यानी कि दिल की धड़कन का अनियमित रूप से तेजी से बढ़ जाना, रक्त का प्रवाह कम हो जाना इत्यादि चीजों का पता इस प्रौद्योगिकी की मदद से लगाया जा सकता है।

    न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.जोसेफ विजल के मुताबिक, 28 मार्च, 2006 में अलिंद विकंपन को पता लगाने की विधि और इससे संबंधित उपकरण का आविष्कार करने के लिए उन्हें पुरस्कृत किया जा चुका है, जिसकी मदद से मरीज फोटोप्लेथिसोग्राम का उपयोग कर सकते हैं। यह हृदय की गति पर नजर रखने वाला एक ऑप्टिकल सेंसर है, जिसका इस्तेमाल एप्पल कंपनी की घड़ियों में किया जा रहा है।

    एप्पल इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, मुकदमे में इस आविष्कार को अलिंद विकंपन का पता लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया है।

    डॉ. विजल ने कहा कि एप्पल वॉच सीरीज 3 के अनावरण के बाद 20 सितंबर, 2017 को उन्होंने अपने आविष्कार के बारे में एप्पल को सूचित भी किया था।

    शुक्रवार को इस रिपोर्ट में कहा गया कि मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि डॉ.विजल ने एप्पल को एक विस्तृत क्लेम चार्ट भी उपलब्ध कराया, जिसमें उनके द्वारा किए गए आविष्कार से जुड़ी सारी बातें व दावे हैं और उन्होंने इसे एप्पल वॉच के लिए उपयोग की गई सामग्रियों से भी मिलाया, लेकिन इन सबके बावजूद एप्पल की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

    डॉ. विजल ने अब कंपनी से रॉयल्टी, कानूनी फीस, पिछले हर्जाने की भुगतान की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि एप्पल ने यह गलती अनजाने में नहीं, बल्कि जानबूझकर की है।

    हालांकि एप्पल की ओर से ब्रुकलीन की संघीय अदालत में दायर मुकदमे के बारे में अब तक कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

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