भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना के नेतृत्व में पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अदालत में न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए सरकार को 9 नामों की सिफारिश की है। इस प्रक्रिया में कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बीवी नागरत्न का नाम जोड़कर कॉलेजियम ने संभवतः इतिहास लिख दिया है। न्यायाधीश बीवी नागरत्न अब से कुछ साल बाद भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन सकती हैं।
कॉलेजियम में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के साथ जस्टिस यू.यू. ललित, ए.एम. खानविलकर, डी.वाई. चंद्रचूड़ और एल. नागेश्वर राव शामिल हैं। ज्ञात हो कि 17 अगस्त की देर शाम को कॉलेजियम ने बैठक की और 9 नामों पर सहमति बनायी। हालांकि कॉलेजियम ने बुधवार को ही अपने प्रस्ताव को औपचारिक रूप दिया और प्रकाशित किया।
कॉलेजियम द्वारा आठ जजों और सुप्रीम कोर्ट बार से एक वकील की सिफारिश की गई है। यह 9 नाम हैं: कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए.एस. ओका, जो सबसे वरिष्ठ मुख्य न्यायाधीश हैं; गुजरात के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ; सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी; तेलंगाना की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली, जो एकमात्र सेवारत महिला मुख्य न्यायाधीश भी हैं; न्यायमूर्ति नागरत्ना; केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी.टी. रवि कुमार; मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एम.एम. सुंदरेश; गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी; और वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एस. नरसिंह।
कॉलेजियम ने पहली बार एक ही प्रस्ताव में तीन महिला जजों की सिफारिश की है। इस प्रकार इसने सर्वोच्च न्यायपालिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के पक्ष में एक मजबूत संकेत भेजा है। इसने सुप्रीम कोर्ट बार से कोर्ट की बेंच में सीधी नियुक्तियों की सिफारिश करने की हालिया प्रवृत्ति को भी जारी रखा है।
शीर्ष अदालत में वर्तमान में 10 रिक्तियां हैं। सितंबर 2019 से इसमें न्यायिक नियुक्तियां रुकी हुई हैं। सितंबर 2019 में नियुक्तियों के अंतिम बैच में जस्टिस कृष्ण मुरारी, एस. रवींद्र भट, वी. रामसुब्रमण्यम और हृषिकेश रॉय थे। सबसे पुरानी रिक्ति न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के समय की है जो नवंबर 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के कार्यकाल में अदालत में एक भी न्यायिक नियुक्ति नहीं हुई। हालांकि इस समय में कॉलेजियम द्वारा लगातार चर्चा की जाती थी।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए छह न्यायिक अधिकारियों और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के एक न्यायिक सदस्य की भी सिफारिश की है। अनुशंसित न्यायिक अधिकारियों में पी. सुधा, सी. सुमलता, जी. राधा रानी, एम. लक्ष्मण, एन. तुकारामजी और ए. वेंकटेश्वर रेड्डी शामिल हैं।