जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने नोबेल शान्ति पुरूस्कार के लिए अमरीकी सरकार की सिफारिश पर डोनाल्ड ट्रम्प का नाम सुझाया था। रविवार को जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक बातचीत में विस्तार के लिए और उत्तर कोरिया के साथ बढ़ते तनाव के कारण शिंजो आबे ने डोनाल्ड ट्रम्प का नाम नोबेल शांति पुरूस्कार के लिए सुझाया था।
ट्रम्प की सिफारिश
डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा था कि जापानी नेता ने उन्हें पांच पेजो का एक खूबसूरत पत्र दिया, जिसमें पुरुस्कार के लिए मेरा नाम था। शिंजो आबे ने बीते वर्ष जून में डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के मध्य हुए ऐतिहासिक सम्मलेन के आयोजन के कारण डोनाल्ड ट्रम्प को इस पुरूस्कार के लिए नामित किया था।
जापान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “मंत्रालय डोनाल्ड ट्रम्प की राय से वाकिफ था लेकिन हम दो वैश्विक नेताओं के मध्य कोई द्वन्द नहीं चाहते थे।” व्हाइट हाउस ने अभी इस रिपोर्ट पर कोई टिपण्णी नहीं की है।
नोबल संस्था की वेबसाइट के मुताबिक नोबल पीस प्राइज के लिए कोई भी दावेदारी पेश कर सकता है, यह राज्यों के प्रमुखों पर भी लागू होता है। संस्था के नियम के अनुसार असफल आवेदन के नाम और अन्य सूचना का खुलासा 50 सालों तक नहीं किया जा सकता है।
नोबल शांति पुरुस्कार
नोबेल शान्ति पुरूस्कार 2018 से डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को नवाज़ा है। डेनिस मुकवेगे ने यौन उत्पीड़न को युद्ध हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का अंत किया है। मेडिसिन के क्षेत्र में महारत हासिल करने के बाद वह वापस लेमेरा अस्पताल लौट गए। साल 2008 में डॉक्टर मुकवेगे कांगो में स्थित पंजी हॉस्पिटल के निदेशक बने।
उस दौरान उन्होंने और उनके साथियों ने मिलकर यौन उत्पीड़न से पीड़ित कई महिलाओं का इलाज किया। उन्होंने युद्ध के दौरान महिलाओं को यौन हथियार बनाने की आलोचना की। इससे पूर्व डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को अमेरिका में पुरूस्कार से सम्मानित किया गया था। साथ ही अन्य कई अंतर्राष्ट्रीय पुरूस्कारों से भी उन्हें नवाज़ा गया है।