सॉफ्टवेयर व तकनीकी जगत कि जानी मानी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला इस समय भारत आए हुए हैं। वह भारत में अपनी नई किताब ‘हिट रिफ्रेश’ के सिलसिले में दो दिनों के दौरे पर हैं। नडेला ने किताब का हिंदी संस्करण “हार्परकालिंस इंडिया” भी प्रकाशित किया है, जो इस महीने के अंत तक बुकस्टोर्स पर उपलब्ध हो जयेगा। भारत आए नडेला ने नोटबंदी पर बात करते हुए अपनी राय रखी और सरकार के साहसिक कदम कि हौसला-अफजाई की।
दरसल, अपनी नई किताब के सिलसिले में भारत आए माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने एक निजी अंग्रेजी अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में सरकार द्वारा लाई गई नोटबंदी नीति पर खुलकर बात की। इंटरव्यू देते हुए नडेला ने कहा कि “मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं राजनीती का, मुझे नहीं पता इससे अर्थव्यस्था पर क्या प्रभाव होगा और इसे कैसे लागू किया गया। मगर हां, डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके किस तरह से ट्रांजैक्शन लागत को कम किया जाए, इसके लिए नोटबंदी एक कमाल कि योजना है। हालांकि, यह काफी हद तक इसको प्रभाव में लेन के तरीके पर निर्भर करता है। भारत जैसे देश के लिए निश्चित ही अच्छा कदम”।
अपना संवाद जारी रखते हुए नडेला साहब ने कहा कि नोटबंदी को लाने वाले, नीतिकार मुझसे बेहतर समझते हैं कि इसे लागू कैसे करना है, कम समय में इससे आई परेशानियों से कैसे निपटा जाए, उन्होंने आगे कहा कि “मुझे ज्यादा ज्ञान नहीं है, इस मामले के जानकार शायद इस बात को ज्यादा अच्छे से समझते हैं। लोकतांत्रिक देश में इस तरह के फैसले लेना काफी मुश्किल होता है, लेकिन देश हितों के लिए कुछ ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं”।
नडेला ने तकनीकी विकास का जिक्र करते हुए कहा कि हम जब तक आगे नहीं बढ़ सकते जब तक हम तकनीक को समझेंगे नहीं, सिर्फ हाथ में स्मार्टफ़ोन लेने से कोई स्मार्ट नहीं बन जाता। हमें अपना और तकनीक का विकास करने हेतु यह जानना होगा कि इसके माध्यम से और क्या क्या किया जा सकता है।