Tue. Apr 30th, 2024
नोटबंदी कैश

नोटबंदी को लेकर एक बार फिर से राजनीती में हड़कंप मचा हुआ है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोटबंदी को लेकर एक आंकड़ों की लिस्ट जारी की है, जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार और आरबीआई पर हमला किया है।

नोटबंदी के आंकड़ों की माने तो 30 जून 2017 तक जमा हुए सभी 500 और 1000 के नोटों का अमानित मूल्य लगभग 15.28 लाख करोड़ रूपये है। आंकड़ों में है कि नवम्बर में हुई नोटबंदी से पहले 500 के 1716.5 करोड़ और 1000 के 685.8 करोड़ नोट चलन में थे जिनका मूल्य 15.44 लाख करोड़ था। पूरी रिपोर्ट की बात की जाए तो रिपोर्ट में नहीं जमा हुए नोटों का आंकड़ा भी आया है, जिसमे केवल 16000 की लागत के नोट बैंक में नहीं जमा हुए है।

बुधवार को आये इन आंकड़ों को लेकर विपक्ष ने सरकार और आरबीआई पर हमला बोला है। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि नोटबंदी में 15.44 करोड़ में से केवल 16 हज़ार के नोट नहीं जमा हुए है। नोटबंदी के लिए सिफारिश करने वाले आरबीआई के लिए ये शर्मनाक बात है। 99 फीसदी पुराने नोट कानूनी तरीके से बदल दिए गए है तो क्या नोटबंदी की योजना कालेधन को सफ़ेद करने के लिए थी। आरबीआई ने भले ही नोटबंदी से 16000 करोड़ रुपये कमाए हो, लेकिन नए नोट छापने के लिए 21000 करोड़ रूपये खर्च कर दिए, ऐसे अर्थशास्र्त्रियो को नोबल पुरूस्कार देना चाहिए।

राहुल गाँधी ने भी नोटबंदी को लेकर हमला बोला है उन्होंने ट्विटर पर लिखा ‘नोटबंदी भयानक रूप से नाकामयाब रही है। इसमें कई बेगुनाहो की जान गयी है, अर्थव्यवस्था तबाह हों गई है। क्या प्रधानमंत्री इसकी जिम्मेदारी लेंगे?

लेफ्ट के नेता सीताराम येचुरी ने भी हमला करते हुए कहा कि नोटबंदी के 99% नोट वापिस आ गये है। लेकिन नोटबंदी की वजह से सेंकडो लोगो ने अपनी जान गवाई, कई लोगो की नौकरी छीन गयी। देश मोदी सरकार का लिया ये एंटीनेशनल कदम कभी भूल नहीं पायेगा।

तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने भी हमला करते हुए कहा है कि नोटबंदी को लेकर आये आरबीआई के आंकड़े एक घोटाले की तरफ इशारा कर रहे है। पहले ही ये एक फ्लॉप शो लग गया था।

नोटबंदी के आंकड़े सामने आने से विपक्ष ने हमला कर दिया है, वही खुद वित्तमंत्री अरुण जेटली को बचाव के लिए आना पड़ा, उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की नोटबंदी के फ़ैल हो जाने की बात करने वाले और उसकी आलोचना करने वाले कंफ्यूज है। ऐसे लोग नोटबंदी का पूरा उद्देश्य नहीं समझ पा रहे है। साथ ही उन्होंने डिजिटल ट्रांसेक्शन बढ़ने और 2 लाख फर्जी कंपनियों के पकड़ने की बात कही।

रिजर्व बैंक ने जो आंकड़े पेश किये है उनको देखते हुए तो यही लग रहा है कि नोटबंदी एक नाकामयाब होती परियोजना लग रही है। ज़ाहिर है आंकड़े आने के बाद सरकारके इस फैसले पर सवाल उठना तय है, इसी कारण सरकार अपने फैसले को लेकर बचाव करती नज़र आ रही है।