नोटबंदी (डिमॉनीटिजेशन) के दूसरी वर्षगांठ पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कई राज्यों में मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक वरिष्ठ नेता ने नोटबंदी को ‘मोदी द्वारा निर्मित आपदा’ बताते हुए कहा कि यदि पार्टी 2019 में केंद्र में सत्ता में आती है तो इसकी जांच की जाएगी।
विरोध प्रदर्शन का आयोजन दिल्ली के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्यालय और राज्य की राजधानियों के कार्यालयों के पास किया गया था।
8 नवंबर, 2016 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले के 2 साल बाद भी सरकार और विपक्ष के बीच वाकयुद्ध बंद नहीं हुआ है। कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी शामिल हुई।
एसपी और बीएसपी के नेताओं ने इस फैसले के कारण गरीब जनता को हुए कठिनाई के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से माफी की मांग की। उन्होंने कहा ‘इस तानाशाही फैसले ने गरीबों के तोड़ दिया।’
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को मोदी सरकार के इस बड़े फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि विरोधियों द्वारा की गई ‘विनाश के भविष्वाणी’ गलत साबित हुए हैं क्योंकि दो साल आंकड़ों से पता चलता है कि इनकम टैक्स में वृद्धि हुई है और भारत ने खुद को सबसे तेज़ी से बढ़ रहे अर्थव्यवस्था में पांचवें स्थान पर बरकरार रखा है।
भाजपा ने कांग्रेस से पुछा कि सरकार के हर भ्रष्टाचार विरोधी कदम का कांग्रेस विरोध क्यों करती है ?
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नोटबंदी को स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला कहा और दावा किया कि उसने देश को आर्थिक आपदा की ओर धकेल दिया है।
उन्होंने कहा कि ‘पीएम और बीजेपी ने दावा किया था कि काले धन और नकली मुद्रा को खत्म करने के लिए ये फैसला लिया गया था। लेकिन आम आदमी को तबाह करने वाले इस फैसले से एक भी उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है।
सुरजेवाला ने नोटबंदी को ‘मोदी द्वारा निर्मित आपदा’ बताते हुए कहा कि 2019 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस इस महाघोटाले की जांच कराएगी।