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आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल

नोटबंदी देश में एक धमाके की तरह आई थी, जिसने देश की आर्थिक भूमि को हिला कर रख दिया था। देश अभी तक उससे पूरी तरह बाहर नहीं निकाल पाया है। देश में नोटबंदी को लेकर आज भी चर्चा व चिंतन का माहौल बना हुआ है।

इसी के साथ नोटबंदी के रूप में सरकार द्वारा उठाए गए विशाल कदम की विवेचना कर रही संसदीय समिति ने अब तीसरी बार आरबीआई गवर्नर को संक्षेप बयान देने के लिए बुलाया है।

मालूम हो कि इस संसदीय समिति में एक सदस्य पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह सिंह भी हैं।

याद हो कि सरकार ने 8 नवंबर को देश से उस समय चलन में रहे 500 व 1,000 रुपये के नोटों को तत्काल प्रभाव से अवैध घोषित कर दिया था। इसी के साथ सरकार ने 500 व 2,000 रुपये के नए नोटों को जारी करने ऐलान किया था।

पटेल को समिति ने 12 नवंबर को पेश होने के लिए कहा है, इसी के साथ पटेल नोटबंदी व उसके बाद देश पर पड़े प्रभाव के विषय में संक्षेप में चर्चा करेंगे।

सबंधित अधिकारी ने मीडिया को बयान देते हुए बताया है कि “समित के सदस्य अभी नोटेबन्दी के विषय में और भी जानकारी इकट्ठा करना चाहते हैं, इसी सिलसिले में आरबीआई के गवर्नर को पेश होने को कहा गया है।”

यह पहली बार है जब किसी आरबीआई गवर्नर को किसी मुद्दे पर बयान देने के लिए तीन बार बुलाया गया है। इसके पहले नोटेबन्दी से संबन्धित जानकारी व बयान पटेल पिछले वर्ष जनवरी व जुलाई में दे चुके हैं।

इसके पहले बीजेपी सांसदों के पैनल के सामने एक ड्राफ्ट रिपोर्ट प्रदर्शित की थी, जिसे पैनल ने सिरे से ही खारिज कर दिया था। इसके साथ पैनल ने अभी तक 60 से भी अधिक रिपोर्ट को स्वीकार किया है।

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