पिछले साल सरकार द्वारा काफी ठोस कदम उठाए गए जिनमें से एक कदम कुछ ऐसा था कि जिसने भारत की दशा और दिशा दोनों ही बदल के रख दी। एक ऐसा कदम जिसने देश का पूरा खाका ही पलट के रख दिया, जिसने शायद भारत के प्रत्येक नागरिक की नींद उड़ा दी, एक ऐसा फैसला जिससे पूरा देश सकते में आ गया। नोटबंदी न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही बल्कि देश की अन्य समस्याओं पर भी इसका प्रभाव रहा। और कुछ इसी बात का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कश्मीर में कम हुई पतथरबाज़ों की समस्या का श्रेय नोटबंदी को दिया।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने नोटबंदी की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि “पिछले वर्ष आठ नवंबर को सरकार ने नोटबंदी को लागू किया और इसका खासा प्रभाव देखने को मिला, पिछले वर्ष से पहले जो लोग कश्मीर में पत्थरबाजों के बीच पैसे बांटते थे वे नोटबंदी आने के बाद पिछले आठ-दस महीनों के दौरान पत्थर फेंकने के लिये 100 युवकों को भी नहीं जुटा सके”। जैसा कि हम जानते है, हर सिक्के के दो पहलू होते है, अगर देश कुछ समय के लिए परेशानियों से जुझा है तो आज उतनी ही प्रबलता से अर्थवव्यस्था के संदर्भ में सदृढ़ भी होता जा रहा है।
वित्त मंत्री ने आगे पड़ोसी देश पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए और मुंबई हमले के कर्तमधर्ता हाफ़िज़ सईद को रिहा करने पर बोलते हुए कहा कि “जिस शख्स (हाफिज सईद) ने मानवता की सारी हद्दें पार करते हुए इतना सब कुछ किया और जब दो दिन पहले पाकिस्तान ने उसे छोड़ा तो पूरे विश्व ने एक सुर में कहा कि वह देश आतंकवाद का प्रत्यक्ष रूप से समर्थन कर रहा है और ऐसा देश विश्व बिरादरी का सदस्य नहीं होना चाहिए”।