निजी कंपनी के रीजनल मैनेजर गौरव चंदेल हत्याकांड और लूट के मामले में यूपी पुलिस अभी तक खाली हाथ है। इससे नाराज मेरठ मंडल की आयुक्त अनिता सी. मेश्राम और मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक आलोक सिंह शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिले। परिवार ने जो कुछ चौंकाने वाली जानकारियां दोनों आला अफसरों को दीं, उसे सुनकर अफसरों ने आनन-फानन में मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हवाले कर दी।
इतना ही नहीं हत्या और लूट के इस मामले में पांच दिन से हत्यारों को पकड़ने में नाकाम रहे बिसरख थाना इंचार्च मनोज पाठक, उनके मातहत दारोगा वेदपाल सिंह तोमर, राजेंद्र कुमार सिंह और फेज-3 कोतवाली की गढ़ी चौखंडी इंचार्ज दारोगा मान सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है।
जबकि क्षेत्राधिकारी-3 ग्रेटर नोएडा राजीव कुमार की रिपोर्ट के आधार पर चेरी काउंटी चौकी प्रभारी दारोगा सन्नी जावला और चौकी इंचार्ज गौर सिटी को घटना वाली रात लेट-लतीफी के चलते ‘लाइन-हाजिर’ किया गया है। इस मामले में लापरवाही के चलते नपने वाले लापरवाह दारोगाओं में सब-इंस्पेक्टर मान सिंह गढ़ी चौखंडी प्रभारी थे।
उल्लेखनीय है कि गौरव चंदेल के घर मेरठ की मंडलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक शुक्रवार को पहुंचे थे। तब परिवार वालों ने इस हत्याकांड और लूट की वारदात में इलाकाई पुलिसकर्मियों की कारगुजारियों से उन्हें वाकिफ कराया था। गौरव चंदेल ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित गौर सिटी में रहते थे। सात जनवरी, 2020 की रात घर से चंद फर्लांग की दूरी पर लूट के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।
परिवार वाले जब थाने और इलाके में मौजूद पुलिस चौकियों पर पहुंचे तो नींद के मारे पुलिस वालों ने उन्हें वहां से भगा दिया था। पुलिसकर्मियों ने कहा था कि दिन निकलने पर अगले दिन आना तब गौरव को तलाश लेंगे। जबकि गौरव की लाश परिवार वालों ने उसी रात (मंगलवार तड़के चार बजे) इलाके में तलाश ली थी।
मामले में पुलिस वालों द्वारा बरती गई लापरवाही की जांच के आदेश तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने भी दिए थे। वह जांच पूरी हो पाती और दोषी व निठल्ले बिसरख कोतवाल और उनके मातहत दारोगा चौकी इंचार्ज नप पाते, उससे पहले यूपी सरकार ने वैभव कृष्ण को ही सस्पेंड कर दिया।