संयुक्त राष्ट्र शान्ति सभा के 73 वें समारोह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नेल्सन मंडेला के विषय में कहा कि भारत मंडेला को अपना समझता है। जिन्हे विश्व मदीबा के नाम से जानता हैं। दक्षिण अफ्रीका के प्रथम राष्ट्रपति मंडेला को भारतीय खुद अपना समझते हैं।
हिन्दुस्तानियों को उन्हें भारत रतन कहते हुए गर्व होता हैं, भारत दक्षिण अफ्रीका और उनकी जनता के साथ ख़ास संबंधों को संजो कर रखेगा। हमारे करीबी रिश्ते नेल्सन मंडेला और महात्मा गाँधी की फिलॉस्फी के अनुरूप होंगे।
नेल्सन मंडेला की वर्षगाँठ को 100 वर्ष पूरे होने पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। विदेश मंत्री ने कहा कि नेल्सन मंडेला के जीवन ने कैसे आज भी समस्त विश्व में रह रहे लोगों को प्रेरित किया है।
उन्होंने कहा नेल्सन मंडेला का जीवन प्रेरणा है। रंगभेद और विपत्तियों के समय भी वह भयमुक्त और साहसी रहे। समाज ने उनसे माफ़ी, दया और समावेश जैसे मूल्यों को ग्रहण किया है। उन्होंने कहा कि इस दौर में समाज को इन्ही मूल्यों को अपनाना चाहिए।
वैश्विक समुदाय को अपने मूल्यों पर डटा रहने वाला नेल्सन मंडेला जैसा ही एक नेता चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विश्व को एक तरह से देखा जाए। आने वाली पीढ़ी के लिए दुनिया को बेहतर बनाया जाए।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति, यूएन के प्रमुख ऐन्टोनियो गुएट्रेस व अन्य प्रतिनिधियों ने मिलकर न्यूयोर्क स्थित यूएन के मुख्यालय में नेल्सन मंडेला की प्रतिमा का अनावरण किया।