नेपाल ने गुरूवार को अमेरिका से देश की पहली सैटेलाइट नेपालीसैट-1 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लांच कर दिया है।सैटेलाइट के लांच के कारण नेपाली वैज्ञानिको और जनता में ख़ासा उत्साह है। नेपाल एकेडमी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के मुताबिक, इस सैटेलाइट का निर्माण नेपाली वैज्ञानिको ने किया है, जिसे अमेरिका के वर्जीनिया से रात 2:31 पर लांच किया गया था।
दो नेपाली वैज्ञानिक आभास मस्की और हरिराम श्रेष्ठ ने उनके इंस्टिट्यूट द्वारा दिए गए बर्ड्स प्रोजेक्ट के तहत इस सैटेलाइट को विकसित किया था। यह दोनों वैज्ञानिक अभी जापान के क्यूशू इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
सैटेलाइट के निर्माण में शामिल सभी वैज्ञानिको और संस्थानों को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बधाई दी है और कहा कि “खुद की सैटेलाइट होना देश के लिए गर्व का मामला है।” एनएएसटी के प्रवक्ता सुरेश कुमार ढुंगेल ने कहा कि “इस सैटेलाइट में निवेश से देश में स्पेस इंजीनियरिंग के नए मार्ग खुलेंगे।
उन्होंने कहा कि “नेपालीसैट-1 सैटेलाइट की मदद से देश के भूगौलिक क्षेत्र की तस्वीरें एकत्रित करने में आसानी होगी।” नेपालीसैट-1 एक न्यूनतम ऑर्बिट सैटेलाइट हैं जो धरती की सतह से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगी।एनएएसटी ने कहा कि “पहले एक माह तक इस सैटेलाइट को इंटरनेशनल स्पेस सिस्टम में स्थापित किया जायेगा और इसके बाद धरती की कक्षा में भेजा जायेगा।”
देश की भूगौलिक जानकारी के लिए यह सैटेलाइट नियमित तौर पर तस्वीरें लेती रहेंगी। सैटेलाइट में नेपाली ध्वज और एनएएसटी का लोगो लगा है। नेपाल एकेडमी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने इस सैटेलाइट पर 2 करोड़ रूपए निवेश किये हैं। इसका वजन 1.3 किलोग्राम है और सिमी क्षमता के साथ यह छोटी सैटेलाइट हैं।
जापानी इंस्टिट्यूट के बर्ड्स प्रोजेक्ट के तहत नेपाल ने अपनी खुद की सैटेलाइट लांच की है। बर्ड्स प्रोजेक्ट को संयुक्त राष्ट्र की मदद से तैयार किया गया है जो देशों को अपनी पहली सैटेलाइट लांच करने में मदद करता है।