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    भारत नेपाल वामपंथी चुनाव

    भारत ने नेपाल में नवनिर्वाचित सरकार को बधाई देते हुए साथ काम करने की उम्मीद जताई है। भारत ने कहा कि हम लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार के साथ निकट और बहुआयामी साझेदारी के साथ काम करने को तत्पर है।

    भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत व नेपाल के बीच में सालों पुराने संबंध, अनूठी व मजबूत दोस्ती है। आगे कहा कि भारत नेपाल के साथ लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई वामपंथी सरकार के साथ काम करने के लिए तत्पर है, ताकि सभी क्षेत्रों में हमारी करीबी और बहुमुखी भागीदारी बढ़े और शांति, स्थिरता, आर्थिक समृद्धि और समस्त क्षेत्रों के विकास के प्रयास में नेपाल का समर्थन किया जा सके।

    भारत ने नई नेपाली सरकार के साथ मजबूत संबंध बनाने पर भी जोर दिया है। भारत की तरफ से नई नेपाली सरकार को बधाई देते हुए बेहतरीन संबंधों की उम्मीद तो की गई है लेकिन ऐसा हो पाना मौजूदा परिस्थितियों में थोड़ा मुश्किल नजर आता है।

    केपी ओली सरकार के साथ मिलकर करना होगा काम

    दरअसल नेपाल में इस बार पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली वापस से वामपंथी गठबंधन की सरकार का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। केपी ओली को भारत की तुलना में चीन का साथ ज्यादा पसंद है।

    केपी ओली ने नेपाल के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए नई दिल्ली की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी और पिछले साल अपनी सरकार को गिरा देने का आरोप लगाया था।

    भारत को ऐसी रणनीति बनानी होगी कि पिछले सालों में नेपाल के साथ कम हुए संबंधों को फिर से मजबूती प्रदान की जाए। पिछली बार जब 9 महीने के लिए कोली ने नेपाल के प्रधानमंत्री पद संभाला था तो उन्होंने ऐसे कदम उठाए जिससे नेपाल और भारत के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। इसी बीच केपी ओली का चीन के प्रति झुकाव अधिक हो गया था। अब भारत को नई वामपंथी सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।