आर्मी चीफ जनरल विपिन रावत ने बीते रविवार को बिम्सटेक मिलेक्स-18 सैन्याभ्यास समारोह में शिरकत की। उन्होंने सम्मलेन में कहा कि नेपाल व भूटान अपनी भौगोलिक संरचना के कारण खुद को भारत से अलग नही कर सकते है। नेपाल और भूटान की भौगोलिक स्थिति चीन से जुड़ने के पक्ष में नहीं है।
नेपाल के बिम्सटेक के दूरी बनाये रखने के बाबत जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि काठमांडू और थिम्फू बॉर्डर की वजह से भारत से जुदा नहीं हो सकते हैं। वे प्राकृतिक स्थिति के कारण हमसे जुड़े है फिर चाहे वह चीन के साथ अधिक सहज महसूस करते हो।
उन्होंने कहा हम अपने पड़ोसियों के साथ रिश्तों को मज़बूत करने के लिए प्रयास कर रहे हैं. हमारे नेताओं द्वारा पड़ोसी पहले और बिम्सटेक जैसे आयोजन इस प्रभावशाली नीति का एक हिस्सा है। भारत एक विशाल देश हैं जब हम शुरुआत करेंगे तभी अन्य देश भी इसी राह पर आगे बढ़ेंगे।
बिम्सटेक के सात राष्ट्रों में से भारत, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश इस सैन्याभ्यास में भाग ले रहे हैं वहीं नेपाल और थाईलैंड ने निगरानी टीम को भेजा है।
जनरल रावत ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के वर्तमान संबंधो से हम सीख ले सकते हैं, हमें घबराने की जरुरत नहीं हैं देश को मज़बूत बनाने के ओर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
जनरल रावत ने कहा की चीन भारत का अर्थव्यवस्था में उभरता हुआ प्रतिद्वंदी हैं। दोनों देशों की एक ही बाज़ार पर नज़र है। भविष्य में बिम्सटेक का दोबारा आयोजन पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद को संरक्षण के लिए भारत ऐसे अभ्यास के पक्षधर रहेगा। भविष्य में यह सैन्याभ्यास कहाँ होगा अभी यह तय होना बाकी है।