नेपाल में निरंतर बारिश से बाढ़ और भूस्खलन ने कहर बरपाया था और इसमें 113 लोगो की मौत हो गयी है और 38 लोग अभी भी लापता है। मध्य और दक्षिणी नेपाल के भागो बीते दो हफ्तों से निरंतर बारिश के कारण हालात बेहद खराब हो गए थे, इसमें काठमांडू घाटी के कुछ इलाके भी शामिल है।
नेपाल में निरंतर बारिश एक आपदा बनकर उभरी है और इससे देश के 77 जिलो में से 67 जिले प्रभावित हुए हैं। सरकार ने बचाव कार्य के लिए सेना और पुलिसकर्मियों को मौके पर भेज दिया है।
प्रभावी इलाको की स्थिति अभी भी खरान है। नेपाल ने अंतरराष्ट्रीय विभागों से पानी से होने वाली बिमारियों को रोकने के लिए मदद की दरख्वास्त की है और साथ ही इससे प्रभावित हजारो लोगो की स्वास्थ्य सुविधाओ को सुनिश्चित करने की अपील की है।
11 जुलाई से मुसलाधार बारिश ने हिमालय राष्ट्र पर कहर बरपाया है और समस्त राष्ट्र में 70 जिलो में से 35 को बुरी तरह प्रभावित किया है। स्वच्छता की कमी की खतरनाक बिमारियों के फैलाव के भय को काफी बढ़ा दिया है। हालाँकि नेपाल की सरकार ने विदेशी सहायता न लेने का निर्णय लिया है।
सरकारी आंकड़ो के मुताबिक, 27000 पुलिसकर्मियों, 8000 सैनिको और 8150 सैन्य पुलिस कर्मियों की तैनाती बाढ़ से ग्रसित इलाकों में कर रखी है। कई जिलो में बचाव और राहत प्रयास जारी है।