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    केपी ओली नेपाल वामपंथी गठबंधन

    नेपाल में अगली सरकार वामपंथी गठबंधन की बनती हुई नजर आ रही है। नेपाल में संसदीय और प्रांतीय विधानसभाओं के हुए चुनाव में वामपंथी गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने की ओर बढ़ रहा है। नेपाल के इस चुनावों में वामपंथी संगठनों ने 91 सीटें जीती है।

    नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली के नेतृत्व में सीपीएन-यूएमएल व पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व में सीपीएन माओवादी पार्टी का गठबंधन साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है।

    नेपाल चुनाव आयोग की ओर से रविवार को जारी परिणामों के मुताबिक सीपीएन-यूएमएल ने 66 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं सीपीएन माओवादी पार्टी को 25 सीटों पर जीत मिली है। दोनों पार्टियों ने मिलाकर 165 संसदीय सीटों में से 91 सीटें हासिल की है।

    नेपाल में सत्ताधारी पार्टी नेशनल कांग्रेस ने महज 14 सीटें जीती है जबकि पिछले चुनावों में ये सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। मौजूदा स्थिति के मुताबिक संभावना लग रही है कि नेपाल के वाम गठबंधन को कुल 275 संसदीय सीटों में से स्पष्ट बहुमत मिल सकता है। इसलिए नेपाल के अगले प्रधानमंत्री ओपी कोली बन सकते है।

    औपचारिक मतदान प्रणाली के तहत वोटों की गिनती जारी

    वर्तमान में शेर बहादुर देउबा प्रधानमंत्री बने हुए है। दो मधेशी पार्टियां, संघीय सोशलिस्ट पार्टी नेपाल और राष्ट्रीय जनता पार्टी ने 11 संसदीय सीटों में जीत हासिल की है। वहीं राष्ट्रीय प्रजांततंत्र पार्टी व नया शक्ति पार्टी ने एक-एक सीट हासिल की है।

    नेपाल में अभी औपचारिक मतदान प्रणाली के तहत वोटों की गिनती जारी है। इन वोटों की गिनती के बाद ही अंतिम परिणाम घोषित किए जाएंगे। इसमें संभावना है कि नेशनल कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

    नेपाल प्रतिनिधि मंडल में कुल 275 सदस्य होते है। जिनमें से 165 सदस्य फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट सिस्टम के तहत चुन लिए गए है। बाकि 110 सदस्य आनुपातिक मतदान प्रणाली के माध्यम से आते है, जिनकी वोटों का परिणाम आना अभी बाकी है।

    गौरतलब है कि नेपाल के संसदीय और प्रांतीय विधानसभा चुनावों में मतदान 26 नवंबर और 7 दिसंबर को हुआ था। माना जा रहा है कि अगर नेपाल में वाम गठबंधन की सरकार बनती है तो उसका पक्ष चीन की तरफ अधिक झुका हुआ रहेगा जो कि भारत को चिंतित कर सकता है।