नेपाल और चीन ने सोमवार को तीन समझौतों का आदान-प्रदान किया था और यह चीनी विदेश मन्त्री वांग यी और नेपाली समकक्षी प्रदीप कुमार गयावाली के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद हुआ था। चीनी विदेश मंत्री वांग यी अभी नेपाल की यात्रा पर है।
नेपाल के प्रधानमन्त्री के पद पर केपी शर्मा ओली के आने के बाद दोनों देशो के बीच नजदीकियां बढ़ी है। अंतिम समझौते के तहत, नेपाल के मनांग जिले में चीन एक अस्पताल का निर्माण करेगा जिसकी लागत तक़रीबन 35 करोड़ डॉलर होगी। दूसरे समझौते के तहत बीजिंग नेपाल को 5000 तर्पौलिंस के सेट मुहैया करेगी जो इमरजेंसी के दौरान इस्तेमाल किये जाते हैं।
तीसरे समझौते के तहत चीन से नेपाल में स्वयंसेवक शिक्षको को नेपाल भेजा जायेगा। इस समझौते पर दस्तखत होते ही नेपाली स्कूलो में मंडारिन भाषा को पढाना शुरू हो जायेगा। नेपाल में कुछ स्कूल चीनी दूतावास के काफी करीब है और उन्होंने पहले ही इस भाषा को पढाना शुरू कर दिया है।
तीन दिनों की यात्रा में चीनी विदेश मंत्री ने बाढ़ पीडितो के लिए 1.6 करोड़ नेपाली रूपए देने का ऐलान किया है। द्विपक्षीय वार्ता के दौरान आला नेपाली अधिकारी और मंत्री मौजूद रहे। इसमें विदेश मामलो के मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली, वित्त मंत्री युबा राज खतिवडा, चीन में नेपाली राजदूत लीला मानी पौड्याल, विदेश सचिव शंकर दास बैरागी, वित्त सचिव राजन खानल और विदेशी मामले के जॉइंट सेक्रेटरी काली प्रसाद पोखरियाल हैं।
चीनी पक्ष की अध्यक्षता वांग यी ने की थी और उनके साथ चीनी विदेश सचिव लू ज्हौबी, नेपाल में चीन के राजदूत होऊ यांकी, चीनी इंटरनेशनल डेवलपमेंट कोऑपरेशन अगेंक के उपाध्यक्ष और चीनी विदेश मंत्रालय में एशिया विभाग के अह्दिकारी व अन्य अधिकारी मौजूद थे।