भारत की दो दिवसीय यात्रा के समापन के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शनिवार को चेन्नियो एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए हैं। शी शुक्रवार को अनौपचारिक सम्मेलन के लिए भारत की दो दिवसीय यात्रा पर पंहुचे थे और दोनों के बीच दोस्तों की तरह बातचीत हुई थी।
भारत और चीन के बीच यह दूसरा अनौपचारिक शिखर सम्मेलन है और इससे पहले नरेंद्र मोदी ने बीते वर्ष अप्रैल में वुहान की यात्रा की थी। दोनों नेताओं ने ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी और यहाँ अर्थव्यवस्था और व्यापार के मुद्दों पर भी चर्चा की थी।
नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने पांच घंटो का क्वालिटी वक्त बिताया था। शनिवार को दूसरे दिन की शुरुआत में एक घंटे तक एक-दुसरे साथ समय व्यतीत किया था। इस सम्मेलन का समापन भारत और चीन के बीच प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के साथ हुआ है।
राष्ट्रपति शी के आगमन के दौरान लोगो ने उनका स्वागत पारंपरिक ड्रम बजाकर किया था और भारत की रीत ‘अथिति देवो भवः’ से गर्मजोशी का माहौल तैयार किया था। शी ने कहा कि “मैं आपके सत्कार से वाकई काफी प्रसन्न हूँ। मेरे साथी और मैं इसे महसूस कर सकते हैं। यह मेरे और हमारे लिए काफी यादगार अनुभव है।”
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने चीनी प्रतिनिधि समूह को तीन अनोखे स्मारकों का दौरा करवाया था। और इसके बाद रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मोदी ने शी जिनपिंग को इन स्मारकों का भ्रमण करवाया था।
दोनों नेताओं ने शाम को थोर मंदिर के परिसर में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुत्फ़ उठाया था इस कार्यक्रम में भरतनाट्यम और कथकली क्लासिकल डांस फॉर्म को दिखाया गया था।
चेन्नई से शी जिनपिंग नेपाल की यात्रा पर जायेंगे। वह काठमांडू में नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से शनिवार को शीतल निवास में मुलाकात करेंगे। वह नेपाल के पूर्व प्रधानमन्त्रियो और से भी मुलाकात करेंगे और विपक्षी पार्टी के चेयरमैन शेर बहादुर देबुआ से भी वार्ता करेंगे। वह रविवार को पुष्प कमल दहल प्रचंड से मुलाकात करेंगे और समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।