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    भारतीय अप्रचलित मुद्रा

    भारत ने 8 नवंबर 2016 को विमुद्रीकरण यानी नोटबंदी का ऐलान किया गया था जिसमे प्रचलन में जारी 500, 1000 रूपए के नोट पर पाबन्दी लगा दी गयी थी। नेपाल की पुलिस ने सोमवार को पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है जिनके समक्ष प्रचलन से बाहर 500 और 1000 के 10 लाख रूपए बरामद हुए हैं।

    इन व्यक्तियों को काठमांडू में स्थित होटल ब्ल्यू में गिरफ्तार किया गया था। काठमांडू के मेट्रोपोलियन पुलिस के डीएसपी होबीन्द्र बोगति ने कहा कि “हमें प्रतिबंधित भारतीय मुद्रा के नोटों के संभावित ट्रांसक्शन की सूचना मिली थी। हमारी टीम लोकेशन पर गयी और सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया था।”

    चलन से बाहर मुद्रा को निकालने के पीछे का मकसद का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि “हम इस मामले पर आगे तफ्तीश कर रहे हैं। हम इसका मकसद नहीं मालूम है। इस जुर्म के पीछे सटीक इरादे तक पंहुचना अभी शेष है।”

    गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शम्बू परियार, राम बिक्रम खडका, संतोष थापा मागर, ढंडवाज तमांग और राजेंद्र घीसिंग के तौर पर हुई है। नेपाल ने दिसंबर 2018 में नए भारतीय 200 रुपये, 500 रुपये और 2,000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल बंद कर दिया था।

    2016 में घोषित नोट बंदी से नेपाल को संकट का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसकी बैंकिंग प्रणाली में पुरानी भारतीय मुद्रा में 7 करोड़ और व्यक्तिगत कब्जे में एक बेहिसाब राशि का आदान-प्रदान होना अभी बाकी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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