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    के पी ओली नेपाल और नरेन्द्र मोदी

    नेपाल के प्रधानमंत्री श्री के पी शर्मा ओली ने शुक्रवार को अपने तीन दिवसीय भारत दौरे की शुरुआत की।

    गृहमंत्री राजनाथ सिंह उनके स्वागत के लिए गए थे। शाम मे उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हुई।

    आज शाम प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता मे भी दोनो प्रधानमंत्रियों की मुलाकात होगी। इस दौरान भारत नेपाल सम्बन्ध के भविष्य के बारे में बातचीत हुई।

    आज ग्यारह बजे नेपाल के प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति भवन मे औपचारिक स्वागत किया गया।

    केपि ओली कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हैं। तथा पहले भी नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। नेपाल के नए स्थापित संविधान के अंदर वह नेपाल के पहले प्रधानमंत्री भी बने।

    ओली पहले भी 11 अक्टूबर से 3 अगस्त 2016 तक पहली बार नेपाल के प्रधानंमत्री रहे थे।

    द्विपक्षीय वार्ता

    आज द्विपक्षीय वार्ता में भारत व नेपाल के बाद विकास के के मुद्दों पर चर्चा हुयु तथा इंफ्रास्ट्रक्चर तथा संयोजकता के विकास पर भी सन्धियां की गयीं।

    गौरतलब है कि पिछले वर्ष भारत तथा नेपाल को जोड़ने के लिए सड़कों पर भारत ने 5253 करोड़ की परियोजनाओं की घोषणा की थी।

    भारत नेपाल के प्रतिनिधि मण्डल के बीच विस्तार से व्यापार, यातायात, व सुरक्षा सम्बन्धी क्षेत्रों में संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर बात हुई।

    प्रधानमन्त्री का संबोधन

    वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत, नेपाल को उसकी जरूरत के अनुसार हर सम्भव मदद करता रहेगा।

    सयोजकता के प्रोजेक्ट्स का भी उन्होंने वर्णन किया।

    प्रधानमन्त्री मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग ज़े नेपाल में नव-निर्मित लोकतन्त्र को भी फलने-फूलने का मौका मिलेगा।

    उन्होंने आगे जानकारी दी कि भारत से लेकर काठमांडू तक एक नई रेल-लिंक परियोजना भी शुरू की जायेगी।

    पुनःस्थापित होते सम्बन्ध

    नेपाल जो कि शुरू से ही भारत के करीब था, उसके साथ संबंधों में हालिया समय में थोड़ी कड़वाहट आ गयी थी।

    नेपाल में चीन के बढ़ते दखल तथा भारत विरोधी प्रोपेगैंडा की वजह से नेपाल तथा भारत के बीच दूरियां बन गयी थी।

    मधेशी आंदोलन के समय नेपाल को भारत से भेजी जाने वाली आवश्यक सामानों की आपूर्ती ठप हो गयी थी। इस वजह से पैदा हुई गलतफहमियां भी एक बड़ी वजह बनी थी रिश्तों में खटास की।

    हालांकि अब परस्पर प्रयास व बातचीत के जरिये दूरियों को मिटाया जा रहा है।

    संबंधों का महत्व

    भारत नेपाल के लिए सबसे बड़ा निर्यातक है, साथ ही भारत तथा नेपाल सांस्कृतिक व धार्मिक दृष्टिकोणों से भी एक जैसे हैं। भारत पूर्वी राज्यों के लिए नेपाल से हाइड्रो-इलेक्ट्रिक ऊर्जा खरीदता है। नेपाल की नदियां जल-ऊर्जा संचयन के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।

    नेपाल भी भारत में से बिजली आयात करता है। नेपाल में भारत के कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। नेपाल से होने वाला व्यापार भारतीय व्यापारियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

    हालांकि भारत-नेपाल सीमा के खुले होने के कारण आतंकी तथा स्मगलर नेपाल को आवास की तरह इस्तेमाल करते हैं।

    भारत में पुलिस व सरकार की गिरफ्त से बच कर भागने वाले अपराधियों के लिए नेपाल छुपने का स्थान बन जाता है।

    सुरक्षा व्यवस्था को नेपाल की सरकार के साथ मिलकर और मजबूत करने की जरूरत है।

    इसलिए आवश्यक है कि भारत व नेपाल सरकार परस्पर समन्वयता के साथ कार्य करे।

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