इस्लामिक सहयोग संगठन ने ऐलान किया कि इजराइल के प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेतान्याहू द्वारा वेस्ट बैंक पर दिए बयान पर तनाव बढ़ने के बाद विदेश मंत्रियो के स्तर की बैठक का आयोजन करेगा। इस मुलाकात का आयोजन 15 सितम्बर को ओआईसी के मुख्यालय में होगा, जिसके लिए आग्रह सऊदी अरब ने किया है।
ओआईसी ने ट्वीट कर कहा कि इस बैठक में इजराइल के प्रधनामंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का जॉर्डन घाटी, मृत सागर और वेस्ट बैंक में बस्तियों पर कब्जे के इरादे पर चर्चा की जाएगी। नेतान्याहू के बयान की आलोचना की और कहा कि ओआईसी इसे फिलिस्तीन की जनता के अधिकारों पर नए आक्रमक ऐलान के और पर विचार करता है। यह यूएन के नियमो, अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतो और सम्बंधित यूएन प्रावधानों का उल्लंघन है।
ओआईसी के सेक्रेटरी जनरल युसूफ बिन अहमद अल ओथैमीन ने अधिकारिक बयान में कहा कि “ओआईसी सऊदी अरब की सलतनत के आग्रह पर विदेश मंत्रियो के स्तर की असामान्य वार्ता का आयोजन करेगा। ताकि इजराइल के गंभीर ऐलान पर बातचीत हो सके और तत्काल जरुरी राजनीतिक और कानूनी कदमो को इजराइल की आक्रमकता के खिलाफ उठाया जा सके।”
उन्होंने कहा कि “इस गैरकानूनी ऐलान के खिलाफ कार्रवाई के लिए इजराइल की सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। द्वि राज्य समाधान के नजरिये के साथ सिर्फ लम्बी और व्यापक शान्ति का यह ऐलान उल्लंघन कर रहा है।”
उन्होंने सभी राज्यों और अंतररष्ट्रीय संगठनो से इस ऐलान को खारिज करने और इस भड़काऊ घोषणा की आलोचना करने मी मांग की है और साथ ही इजराइल की एकतरफा कार्रवाई को रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओआईसी और इसके सदस्य देशो का मकसद अंतरराष्ट्रीय कानून और अरब शान्ति पहले के तहत फिलिस्तीनी के लोगो को उनके कानूनी अधिकार दिलाना है।
इसके कुछ ही घंटो पूर्व नेतान्याहू ने वेस्ट बैंक में जॉर्डन वैली पर कब्ज़ा करने का संकल्प लिया था। जोर्डन वेल्ली और उत्तर मृत सागर दोनों मिलकर वेस्ट बैंक का 30 प्रतिशत बनते हैं।