इजराइल के प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेतान्याहू ने ईरान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव को बढाने की गुजारिश की है क्योंकि ईरान ने परमाणु शोध और विकास के लिए सीमाओं को खत्म कर दिया है। यह अमेरिका के हालिया प्रतिबंधो का जवाब था।
लन्दन की यात्रा पर जाने से पूर्व बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा कि “आज सुबह हमें ईरान द्वारा एक और उल्लंघन के बारे में सूचित किया गया और इस समय उन्होंने परमाणु हथियारों को सहेजने के लिए यह कदम उठाया है।” लन्दन में वह ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन और अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर से मुलाकात करेंगे।
उन्होंने कहा कि “यह वक्त ईरान के साथ बातचीत करने का नहीं है बल्कि ईरान पर दबाव को बढाने का है।” ईरान ने कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हैं।
अमेरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंधो को बुधवार को थोप दिया था और इसके बाद राष्ट्रपति हसन रूहानी ने परमाणु संधि की प्रतिबद्धताओं को निलंबित करने का ऐलान कर दिया था। ईरान और तीन यूरोपीय राष्ट्र, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन साल 2015 की परमाणु संधि को बचाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
बीते वर्ष मई में डोनाल्ड ट्रम्प नेअमेरिचा को इस परमाणु संधि से बाहर निकाल लिया था। इजराइल का सबसे बड़ा दुश्मन ईरान है और नेतान्याहू ने परमाणु संधि के खिलाफ अभियान किया था और ट्रम्प से इस संधि को तोड़ने का आग्रह किया था। इजराइल और ईरान के बीच हालिया हफ्तों में तनाव काफी बढ़ गया था।
24 अगस्त को इजराइल ने सीरिया पर हवाई हमला किया था। इसके कुछ घंटे बाद ही तेहरान समर्थित हिजबुल्लाह समूह ने इजराइल पर ड्रोन का इस्तेमाल कर हमला करने का आरोप लगाया था। हिजबुल्लाह ने इसकी प्रतिक्रया रविवार को दी और सिरैल की सेना को निशाना बनाते हुए एंटी टैंक मिसाइल को दागा था। इसका मकसद इजराइल को दोबारा हमला करने के लिए उकसाना था। इसमें कोई हताहत नहीं हुई है।