इजराइल के संसदीय चुनावो से कुछ दिनों पूर्व ही प्रधनामंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने जॉर्डन घाटी पर कब्ज़ा करने का संकल्प लिया था। इजराइल में 17 सितम्बर को चुनावो का आयोजन होना है इसमें नेतान्याहू दक्षिणपंथी पार्टी लिकुड का प्रतिनिधित्व करेगे।
इजराइल ने साल 1967 की छह दिनों की जंग में वेस्ट बैंक पर अधिग्रहण कर दिया था। जॉर्डन घाटी और उत्तरी डेड सागर वेस्ट बांका का हिस्सा है जिस पर इजराइल का कब्ज़ा है। बेंजामिन नेतान्याहू अभी सरकार का संरक्षण करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि अप्रैल में चुनाव में वह बहुमत लाने में नाकाम हुए थे।
इजराइल के विपक्षियो ने इस बयान के खिलाफ कहा है कि यह जनता के मतों को हासिल करने की सिर्फ एक तिकड़म है। नेतान्याहू के बयान के बाद अरब लीग ने एक तत्काल सत्र को बुलाया था। जॉर्डन और मिस्र दो ही देश है जिन्होंने इजराइल के साथ शान्ति संधि पर हस्ताक्षर किये हैं।
अरब विदेश मंत्रियो ने बयान में कहा कि “उनका बयान एक खतरनाक और इजराइल का नया आक्रमक रुख है, इसका ऐलान का मकसद अंतररष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करना है।” इजराइल के मानव अधिकार समूह बित्सेलेम के मुताबिक, जॉर्डन घाटी और उत्तरी मृत सागर में फिलिस्तीनियों के करीब 65000 घर है और यहूदियों के 11000 है, जो वेस्ट बैंक का 30 फीसदी भाग है।
अमेरिका के राष्ट्रपति के दामाद जारेड कुशनर ने इजराइल और फिलिस्तीन दोनो से किसी भी कार्रवाई से पूर्व एक बार शांति समझौते को देखने का आग्रह किया था। कुशनर को मध्य पूर्व पालिसी पर सलाह देने के लिए प्रशासन ने नियुक्त किया था।
सऊदी अरब ने नेतान्याहू के चुनावी संकल्प की निंदा की है और इस्लामिक सहयोग संघठन से एक तत्काल सत्र बुलाने की मांग की थी। सऊदी अरब की शाही अदालत ने बयान जारी कर कहा कि “सऊदी इसकी आलोचना करता है और इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतान्याहू के ऐलान को खारिज करता है।”
नेतान्याहू ने कहा कि “अगर वह दोबारा सत्ता पर वापसी करते है तो वह तुरंत वेस्ट बैंक के हिस्से पर अधिग्रहण कर लेंगे।अप्रैल में चुनावो के दौरान भी बेतान्यहू ने ऐसे ही बयान दिए थे और गठबंधन की सरकार बनाने में नाकामयाब हुए थे।”