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    नेटवर्क लेयर में फ्रेगमेंटेशन fragmentation in hindi, network layer in computer network

    विषय-सूचि

    फ्रेगमेंटेशन क्या है? (fragmentation in hindi)

    फ्रेगमेंटेशन नेटवर्क लेयर द्वारा की जाने वाली एक प्रक्रिया है जिसे तब किया जाता है जब डाटाग्राम का अधिकतम साइज़ फ्रेम द्वारा अधिकतम रखे जाने वाले डाटा के साइज़ (अधिकतम ट्रांसमिशन यूनिट या MTU) से बड़ा हो।

    नेटवर्क लेयर ट्रांसपोर्ट लेयर से प्राप्त हुए डाटाग्राम को फ़्रैगमेन्ट्स में विभाजित कर देता है जिस से कि डाटा के फ्लो में कोई गड़बड़ी नहीं आये।

    चूँकि IP हेडर में कुल लेंथ के लिए 16 बिट्स होते हैं, इसीलिए IP डाटाग्राम का अधिकतम साइज़ होगा,

    216 – 1 = 65, 535

     

     

    • इसे नेटवर्क लेयर द्वारा डेस्टिनेशन की तरफ किया जाता है और सामान्यतः routers पर किया जाता है।
    • सोर्स साइड को फ्रेगमेंटेशन की कोई जरुरत नहीं पड़ती और इसका कारण है ट्रांसपोर्ट लेयर द्वारा एक बहुत ही अच्छा सेगमेंटेशन। ट्रांसपोर्ट लेयर पर सेगमेंटेशन और नेटवर्क लेयर पर फ्रेगमेंटेशन करने की जगह ट्रांसपोर्ट लेयर डाटाग्राम के डाटा लिमिट को देखता है और डाटा लिमिट्स को फ्रेम करता है। ये इस प्रकार से सेगमेंटेशन करता है कि परिणामस्वरूप प्राप्त हुआ डाटा फ्रेम में आसानी से फिट हो जाये और वो भी बिना किसी फ्रेगमेंटेशन के।

    • रिसीवर Identification (16 बिट्स) वाले क्षेत्र की मदद से IP हेडर में फ्रेम की पहचान करता है। फ्रेम के सभी फ्रेग्मेंट्स के पास समान आइडेंटिफिकेशन संख्या होती है।
    • रिसीवर फ्रेम के क्रम की पहचान IP हैडर के क्षेत्र Fragment Offset (13बिट्स) की मदद से करता है।
    • फ्रेगमेंटेशन के कारण आये एक अतिरिक्त हेडर की वजह से नेटवर्क लेयर पर एक ओवरहेड उपस्थित रहता है।

    IP हेडर में फ्रेगमेंटेशन के लिए क्षेत्र (Fields in IP header for fragmentation)

    • Identification (16 बिट्स) –इसका प्रयोग फ्रेम के फ़्रैगमेन्ट्स को पहचानने के लिए किया जाता है।
    • Fragment offset (13 बिट्स) – इसका प्रयोग फ्रेम में फ़्रैगमेन्ट्स के क्रम को पहचानने में किया जाता है। ये सामान्यतः फ्रेगमेंट के आगे या पीछे आ रहे डाटा बाइट की संख्या को बताता है।
      अधिकतम सम्भव फ्रेगमेंटेशन ऑफसेट= (65535 – 20) – 1 = 65514
      {जहां  65535 डाटाग्राम का अधिकतम साइज़ है और 20 IP हेडर का न्यूनतम साइज़ है}
      इसीलिए, हमे चाहिए ceil(log265514) = 16 बिट्स फ्रेगमेंटेशन ऑफसेट के लिए। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि फ्रेगमेंटेशन ओफ़्सेट के क्षेत्र में केवल 13 बिट्स ही हैं। इसीलिए एफिशिएंसी मेन्टेन रखने के लिए हमे फ्रेगमेंटेशन क्षेत्र को स्केल डाउन कर के 216/213 = 8 करना पडेगा जिसे हम स्केलिंग फैक्टर कहते हैं। इसीलिए एक फ्रेगमेंट को छोड़ कर बांकी सभी के पास 8 के मल्टीपल में डाटा होगा इसीलिए फ्रेगमेंट ऑफसेट ∈ N.
    • More fragments (MF = 1 bit) – ये बताता है कि अगर इस फ्रेगमेंट से आगे और भी फ्रेगमेंट हैं। जैसे, अगर MF = 1, तो इस फ्रेगमेंट के आगे और भी फ्रेगमेंट हैं और अगर MF = 0,तो यही अंतिम फ्रेगमेंट है।
    • Don’t fragment (DF = 1 bit) – अगर हम पैकेट को फ्रेगमेंट नहीं करना चाहते तो इसे सेट कर देते हैं। जैसे, DF = 1.

    फ़्रैगमेन्ट्स का रिअसेंबली अल्गोरिथम (fragmentation reassembly algorithm)

    ये केवल डेस्टिनेशन पर ही होता है और routers पर नहीं होता क्योंकि पैकेट्स स्वतंत्र रास्ते चुन लेते हैं (डाटाग्राम पैकेट स्विचिंग)।

    इसीलिए सभी राऊटर पर नही मिल सकते और फ्रेगमेंटेशन की फिर से जरूरत पड़ जाती है। फ़्रैगमेन्ट्स क्रम के बाहर भी पहुँच सकते हैं।

    Algorithm

    1. डेस्टिनेशन को ये पहचानना होगा कि डाटाग्राम को MF (फ्रेगमेंट ऑफसेट फील्ड) से फ्रेगमेंट किया गया है।
    2.  Identifcation क्षेत्र की मदद से डेस्टिनेशन को समान डाटाग्राम के सभी फ्रेम्स को पहचानना होगा।
    3.  पहले फ्रेगमेंट को पहचानने कि प्रक्रिया (ऑफसेट= 0).
    4.  बांकी सारे फ़्रैगमेन्ट्स को हेडर लेंथ,फ्रेगमेंट ऑफसेट की मदद से पहचानना होगा।
    5.  रिपीट यूनिट MF = 0.

    एफिशिएंसी (efficiency of fragmentation in hindi)

    एफिशिएंसी (e) = useful/total = (बिना हेडर का डाटा)/(हेडर के साथ डाटा)
    थ्रूपुट= e * B { B यहाँ पर बोतलनेक्क बैंडविड्थ है}
    प्रश्न: एक IP राऊटर का MTU यानी मैक्सिमम ट्रांसमिशन यूनिट है 200 बाइट और उसने एक 520 बाइट का IP पैकेट प्राप्त किया जिसका हेडर length 20 बाइट है। अब IP हेडर के बांकी क्षेत्रों की वैल्यूज का पता लगाएं।

    Explanation – चूँकि MTU 200 बाइट का है और हेडर साइज़ 20 बाइट का है, इसीलिए डाटा का अधिकतम लेंथ = 180 बाइट, लेकिन ये फ्रेगमेंट ऑफसेट में दिखाया जा सकता है क्योंकि ये 8 से भाग नहीं हो सकता।

    डाटा feasible का अधिकतम length = 176 बाइट
    फ़्रैगमेन्ट्स की संख्या= (520/200) = 3.
    हेडर का लेंथ= 5 (चूँकि स्केलिंग फैक्टर 4 है, इसीलिए 20/4 = 5)
    एफिशिएंसी, e = (Data without header)/(Data with header) = 500/560 = 89.2 %

     

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    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

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