जनता दल यूनाइटेड के केरल प्रदेश अध्यक्ष और राजयसभा सांसद बीरेंद्र कुमार ने अपना सांसद पद छोड़ने का एलान किया है। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जेडीयू के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब पूर्णरूप से संघी हो गए है। अब उनके साथ रहना बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं राज्यसभा सांसद हूँ, नीतीश के संघी होने के कारण मैं इस पद से इस्तीफा दे रहा हूँ। उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अवगत करा दिया गया है। वैसे देखा जाये तो बीरेंद्र कुमार जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के करीबी माने जाते है।
बीरेंद्र कुमार मार्च 2016 में राजयसभा सांसद बने थे। अभी बीरेंद्र कुमार का कार्यकाल लगभग सवा चार साल का बचा हुआ है। 2014 में उन्होंने अपनी सोशलिस्ट पार्टी का विलय जनता दल यूनाइटेड में कर लिया था। इससे पहले भी बीरेंद्र कुमार ने अपनी सोशलिस्ट पार्टी का विलय पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर में कर लिया था। वह लगभग 11 साल तक देवगौड़ा की पार्टी में रहे। 1996 में जनता दल के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीत कर केंद्र की यूनाइटेड फ्रंट सरकार में मंत्री भी रहे।
बता दे कि बीरेंद्र कुमार मलयाली अख़बार मातृभूमि के सीएमडी है और साथ में पीटीआई के निदेशक भी है। जब उनसे पूछा गया कि राज्यसभा के सभापति को आप इस्तीफा कब सौपेंगे। तो उन्होंने कहा कि जब दूंगा तो मीडिया को यह खबर बता दी जाएगी। जानकारी के लिए, जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अपना रिश्ता तोड़ बीजेपी का दामन थामा तो शरद यादव और अली अनवर के अलावा बीरेंद्र कुमार ने भी इसका जमकर विरोध किया था। अपनी अगली रणनीति का खुलासा करते हुए बीरेंद्र कुमार ने कहा कि केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सहयोगी जेडीएस के नेताओं से उनकी बातचीत चल रही है।
वहीं बीरेंद्र कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने मुझसे इस्तीफा ना देने को कहा। कुमार ने कहा कि आप देश के सामाजिक नेता है। लेकिन बीरेंद्र कुमार ने नीतीश की बात को दरकिनार करते हुए कहा कि अब यह मुमकिन नहीं। जब से महागढबंधन से नीतीश कुमार अलग हुए है तब से उनके पार्टी में विरोध के सुर सुनने को मिल रहे है। जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को पार्टी से बर्खास्त करने को लेकर नीतीश की पार्टी में फुट जारी है।