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    लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार

    आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने नीतीश से अलग होने के बाद पहली बार कहा कि नीतीश से हाथ मिलाना मेरी सबसे बड़ी भूल थी। भाजपा को रोकने के लिए मैंने नीतीश को दही का टीका लगाया इसके बावजूद वह भाजपा में शामिल हो गए।

    नवनिर्वाचित राज्य परिषद की बैठक में लालू यादव ने कहा कि बिहार में एमएलए पीछे और एनजीओ आगे रहते है। यही कारण है कि यहाँ घोटाले होते रहे है।

    इसके खिलाफ आरजेडी जल्द ही आंदोलन की घोषणा करेगी। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान फिर से महारैली का आयोजन करेंगे। आरजेडी के लगातार चौथी बार प्रदेश अध्यक्ष बने डा. रामचंद्र पू्र्वे ने राज्य परिषद की बैठक में एेलान किया कि आरजेडी महागठबंधन तेजस्वी यादव के नेतृत्व में 2020 का विधानसभा चुनाव बिहार में लड़ेगा। वहीं लालू प्रसाद के नेतृत्व में वर्ष 2019 में पूरे देश में भाजपा के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा।

    इस मौके पर मौजूद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार जनप्रतिनिधियों को चोर और अधिकारियों को साधु समझ रही है। तेजस्वी ने नीतीश को निशाने पर लेते हुए कहा कि जेडीयू की सरकार ने घोटालों की माला पहन ली है। यादव ने शौचालय घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें जेडीयू के पदाधिकारी भी शामिल है।

    वही आरजेडी के वरिष्ठ नेता डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि अब समय बोलने का नहीं एक्शन लेने का है। लालू यादव ने समान काम और समान वेतन पर समर्थन देते हुए एएनएम पर पुलिसिया कार्यवाई की कड़ी निंदा की है। यादव ने कहा कि जो बोया है वही खायेगा निजी क्षेत्रों में आरक्षण को लेकर यादव ने समर्थन करते हुए कहा कि सीएम और पीएम को मिलकर अडानी अंबानी जैसे कॉर्पोरेटर कंपनियों में आरक्षण लागु करना चाहिए । उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि निजी क्षेत्र में आरक्षण की जो लोग बात कर रहे है, वह जरा यह भी देखे बिहार में कम्पनी कहा है किसको आरक्षण देंगे। केवल जुमले से कुछ नहीं होता