Tue. Nov 5th, 2024
niti-aayog

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को कहा-“अभी तक जारी नहीं की गयी एक रिपोर्ट जो कहती है कि 2017-18 में देश की बेरोजगारी दर 45 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है, वे ‘सत्यापित नहीं है’ और ‘डेटा की सत्यता ज्ञात नहीं है।”

यह स्पष्टीकरण तब आया जब सरकार ने नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) पर विपक्षी हमलों का सामना किया, सरकार द्वारा इसे वापस ले लिया गया लेकिन बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार पर ये पहुँच गया। सरकार के अंतरिम बजट से एक दिन पहले सामने आई नुकसानदायक रिपोर्ट, मई में होने वाले चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा विवाद खड़ा करती है।

जानिये इस पूरी खबर के 10 बड़े अपडेट-

  1. रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2017-जून 2018 के बीच किया गया NSSO में ये दिखाया गया है कि बेरोजगारी दर 6.1% है जो 1972-73 से सबसे ज्यादा है।
  2. शहरी क्षेत्र (7.8%) में बेरोजगारी ज्यादा थी, ग्रामीण क्षेत्र (5.3%)के मुकाबले। रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि युवा बेरोजगारी 13-27% की दर पर ऊंचाई छू रही है।
  3. रिपोर्ट में लिखा है कि श्रमबल की भागीदारी दर पिछले वर्षों की तुलना में कम होने के कारण अधिक लोग कार्यबल से हट रहे हैं।
  4. सरकार ने अपने शीर्ष प्लान पैनल अफसरों-राजीव कुमार और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत को क्षति नियंत्रण के लिए ड्यूटी पर लगाया क्योंकि राहुल गाँधी समेत विपक्षी नेता सरकार को घेर रहे थे।
  5. अमिताभ कांत ने कहा-“आप 7.2% की दर पर विकास करके ये नहीं कह सकते कि नौक़री नहीं है। मेरे हिसाब से, मुख्य समस्या गुणवत्ता वाली नौकरियों की कमी है। देश को लगभग 7 मिलियन नौकरियों की आवश्यकता है। ” उन्होंने ये भी कहा कि मांगे जल्द पूरी होंगी।
  6. उन्होंने आगे कहा-“हमारे अपने आंतरिक विश्लेषण से पता चलता है कि हम 7.8 मिलियन नौकरियां पैदा कर रहे हैं। कई लोग कृषि में कम उत्पादन वाली नौकरियां छोड़ रहे हैं। लोगों को ज्यादा कमाने वाले नौकरी चाहिए।”
  7. पैदा की गयी सभी नौकरियों में से, ज्यादातर ओला और उबर जैसे कैब एग्रीगेटर को मिली हैं।
  8. ये डेटा महत्वपूर्ण है क्योंकि नोटबंदी के बाद ये देश की नौकरियों का पहला व्यापक मूल्यांकन था।
  9. दिसम्बर में नेशनल स्टैटिस्टिकल कमीशन द्वारा इसका निरिक्षण करने के बाद भी रिपोर्ट को जारी नहीं किया गया क्योंकि दो गैर-निर्दलीय सदस्यों ने डेटा कोलेटिंग बॉडी को छोड़ दिया था।
  10. उनमे से एक है अध्यक्ष पीसी मोहनन, जिन्होंने पुष्टि की कि छोड़ने के कारणों में से एक कारण था PLFS के जारी करने में हुई देरी। सरकार ने कहा-“हमने सदस्यों को बता दिया है कि रिपोर्ट को जारी करने का फैसला हमारा होगा। हम तय करेंगे कि ये कब होगा।”

By साक्षी बंसल

पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *