Sun. Sep 8th, 2024
    नीति आयोग ने Battery Swapping Policy मसौदा जारी कर मांगा सुझाव।

    भारत सरकार का थिंक टैंक नीति आयोग ने गुरुवार को Battery Swapping Policy मसौदा पेश किया है। इस पालिसी के तहत इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैट्री की अदला-बदली आसानी से किया जा सकेगा।

    यह मालुम हो कि नीति आयोग स्वयं को एक अत्याधुनिक संसाधन केंद्र के रूप में विकसित किया गया है जिसमें आवश्यक संसाधन, ज्ञान और कौशल हैं, जो इसे गति के साथ कार्य करने, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने, सरकार के लिए कार्यनीतिक नीति दृष्टि प्रदान करने और आकस्मिक मुद्दों का समाधान करने में सक्षम है।

    नीति आयोग ने फरवरी 2022 में एक Battery Swapping Policy ढांचा तैयार करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी चर्चा की थी। इसके अलावा मसौदा तैयार करने के लिए आयोग ने बैट्री स्वैपिंग ऑपरेटर्स, बैट्री बनाने वाली कंपनियों, वाहन कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और अन्य विशेषज्ञों से चर्चा किया। 

    यह भी कहा जा रहा है कि इस नई नीति के लागू होने पर इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम घटने की उम्मीद भी की जा सकती है क्योंकि इन्हें बिना बैट्री के बेचा जा सकेगा।

    नयी नीति के अनुसार जिन गाड़ियों में बैटरियों की अदला-बदली हो सकती है उनकी बिक्री बिना बैटरी के होगी। इससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतें कम हो सकती हैं।  इसके अलावा खास बात यह है कि नीति आयोग के मसौदे के मुताबिक कोई भी शख्स या कंपनी किसी भी स्थान पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन खोल सकेगा। 

    बैटरी स्वैपिंग स्टेशन खोलने  के लिए जरूरी तकनीकी, सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। 

    यह नीति चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा। पहले चरण में प्राथमिकता देते हुए 70 लाख से अधिक जनसंख्या वाले सभी मेट्रो शहरों को शामिल किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में अन्य सभी प्रमुख शहरों जैसे कि राज्यों की राजधानियों, यूनियन टेरीटरी के मुख्यालय और 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों को शामिल करने की योजना है। 

    बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी है।  इसे ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2022 में ईवी इकोसिस्टम की क्षमता बेहतर करने के लिए बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी और इंटरऑपरेबिलिटी स्टैंडर्ड्स लाने का ऐलान किया था। 

    नीति आयोग ने अभी इस मसौदे पर सभी लोगों से 5 जून तक अपनी प्रतिक्रियाएं देने को कहा है।

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