अभी हाल ही में सेंसर बोर्ड के पद से बर्खास्त हुए, पहलाज निहलानी सुर्ख़ियों में लगातार बने हुए है। इस बार वो अपनी ‘कैंची’ का निशाना सरकार पर साध रहे है। निहलानी पद से बर्खास्त होने के बाद एक के बाद एक खुलासे कर रहे है। अभी हाल ही में, निहलानी ने बताया कि भारत सरकार ने उन्हें उड़ता पंजाब और बजरंगी भाईजान जैसी फिल्मों को रिलीज़ ना करने का हुकुम दिया था। पर, अब पहलाज निहलानी ने स्मृति ईरानी पर उनको पद से बर्खास्त करने का आरोप लगाया है।
निहलानी ने खुल के बताया कि उनको सेंसर बोर्ड से निकालने के पीछे कही न कही सुचना और प्रसारण मंत्री, स्मृति ईरानी का बड़ा योगदान है। आगे, निहलानी ने कहा कि स्मृति की आदत है अपनी उपस्थिति हर जगह महसूस करवाने की और वो जी भी मिनिस्ट्री से सम्बंधित रही है वहाँ अपने तरीके से ही काम करना पसंद करती है। निहलानी ने यह भी खुलासा किया कि स्मृति ईरानी ने उनको मधुर भंडारकर की ‘इन्दु सरकार’ को बिना किसी कट के पास करने का आदेश दिया था। परन्तु, निहलानी ने अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी से किया और फिल्म को सेंसर के नियम कानूनों के अनुसार ही पास किया। यही बात, स्मृति को खल गयी और उन्होंने अपनी ताकत का प्रयोग कर निहलानी को सेंसर चीफ के पद से हटा दिया।
निहलानी ने 30 महीने सेंसर बोर्ड के चीफ का कार्यभाल संभाला है। उन्हें इस पद से बर्खास्त होने का कोई ख़ासा अफ़सोस भी नहीं है। उनका यह भी कहना है कि स्मृति ईरानी के बाद सब परिवर्तित हो गया है।
पहले, निहलानी ने इस बात का भी खुलासा किया कि जब से वो सेंसर बोर्ड का हिस्सा बने है जब से कुछ अंदरूनी जन उनके विरुद्ध काम भी कर रहे है, इन में से कुछ सेंसर बोर्ड से भी जुड़े हुए है। उन्होंने इन लोगों का नाम नहीं लिया। पर, यह बताया कि ये लोग दिवाली से पहले ही दिवाली मना रहे है।