Wed. Dec 25th, 2024 10:20:34 AM
    भारत अर्थव्यवस्था

    डॉलर के मुक़ाबले भारतीय मुद्रा के लगातार कमजोर प्रदर्शन का सीधा असर इस बार देश के निर्यातकों पर पड़ा है। इस वित्तीय वर्ष पहली बार देश के निर्यात में कमी देखने को मिली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार यह कमी 2.15 फीसदी दर्ज की गयी है।

    कम होते निर्यात के साथ देश के आयात की मात्रा में बढ़ोतरी देखने को मिली है। देश में आयात की मात्रा में 10.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज़ की गयी है।

    संबन्धित मंत्रालय ने इसे संज्ञान में लेते हुए कहा है कि देश के निर्यात कि दर में गिरावट आई है, लेकिन इसी के साथ ही निर्यातकों की आय में भी 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, उम्मीद है कि आने वाले छः महीनों में ये दौर सुधरता हुआ दिखेगा।

    अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में लगातार बढ़ते कच्चे तेल के दाम और रुपये में हो रही गिरावट के बावजूद देश के व्यापार घाटे में कमी आई है। सितंबर माह में देश का व्यापार घाटा 13.98 अरब डॉलर रहा है, जबकि यही आंकड़ा अगस्त महीने में 17.4 अरब डॉलर था।

    वहीं दूसरी ओर देश के व्यापार घाटे के आंकड़ों को देखने पर समझ आता है कि इसमें लगातार क्षय हो रहा है, वर्ष 2018 सितंबर माह में व्यापार घाटा 14 अरब डॉलर के करीब दर्ज़ हुआ है, जबकि पिछले वर्ष यानी 2017 के सितंबर माह में यही आंकड़ा 9 अरब डॉलर था।

    विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह के आंकड़ों से समझा जा सकता है कि व्यापार घाटे में वर्तमान में जारी कमी महज अस्थाई है।

    देश के व्यापारिक निर्यात में हुई 2.15 प्रतिशत की कमी देश के निर्यातकों व कारोबारियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में परेशानी पैदा कर देगी।

    इस समय देश को रुपये की गिरी हुई कीमत की वजह से महंगा आयात करना पड़ रहा है, जिसमे कारोबार से संबन्धित कच्चा माल भी शामिल है, ऐसे में यदि निर्यात की दर में भी कमी आ जाएगी तो निर्यातकों के साथ ही संबन्धित कारोबारियों को भी परेशानी उठानी होगी।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *