उत्तर प्रदेश नगर निगम चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। माना जा रहा है कि नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री के बीच यह पहली अनौपचारिक मुलाकात है। प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में मोदी के संसदीय क्षेत्र में भी भाजपा ने अपना परचम लहराया है। मोदी के क्षेत्र वाराणसी से भाजपा की मृदुला जायसवाल ने बाजी मरी है।
बता दे कि उत्तर प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में 16 महापौर की सीट में से भारतीय जनता पार्टी ने 14 पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है। वहीं दो सीटों पर बहुजन समाजवादी पार्टी नेर कब्ज़ा जमाया है। मायावती की पार्टी बसपा पहली बार नगर निगम चुनाव में उतरी थी, वह भी केवल पार्टी सिम्बल के आधार पर। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला है। नगर पालिका और नगर पंचायत में भी भाजपा ने ही बढ़त बनाया है।
अगर देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी के बाद समाजवादी पार्टी ने अधिक सीटें हासिल की है। तीसरे स्थान पर बसपा कायम रही है। लेकिन बसपा ने महापौर की सीट पर अपने आप को साबित करने में सक्षम हुई है। वहीं समाजवादी पार्टी का महापौर सीट पर खाता भी नहीं खुला है। यूपी निकाय चुनाव में सबसे पीछे रही कांग्रेस पार्टी जो पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के गढ़ अमेठी में भी जीत का मुँह नहीं देख सकी। निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी नगर निगम चुनाव में बड़ी जीत दर्ज कराइ है।
प्रदेश के 652 नगरीय निकायों में इस बार सभी दलों ने अपने सिंबल पर चुनाव लड़ा। 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 438 नगर पंचायतों में चुनाव संपन्न हुए। सिर्फ कौशांबी के भरवारी नगर पालिका परिषद में चुनाव नहीं हुआ। सभी निकायों में 11995 पार्षद/सदस्य के पदों पर भी चुनाव हुए। इनमें नगर निगम पार्षद के 1300, नगर पालिका परिषद के 5261 और नगर पंचायतों के 5434 सदस्य के पद थे।
लेकिन इस चुनाव में भाजपा सर्वश्रेष्ठ पार्टी रही। यह निकाय चुनाव योगी के प्रतिष्ठा से लेकर देखा जा रहा था, जिसे जीत कर मुख्यमंत्री ने योगी ने अपने पार्टी का विश्वास जीता है।