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    पाकिस्तान ने नार्वे में मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ कुरान की बेअदबी के मामले को आर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कांफ्रेंस (ओआईसी) और यूरोपीय संघ (ईयू) के समक्ष उठाने का ऐलान किया है। पाकिस्तान पहले ही इस मामले में नार्वे के राजदूत को तलब कर अपना विरोध दर्ज करा चुका है।

    नार्वे की घटना के खिलाफ पूरे पाकिस्तान में हो रहे प्रदर्शनों के बीच सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) की कोर कमेटी की बैठक में मामले को ओआईसी व ईयू में उठाने का फैसला किया गया। रविवार को हुई बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री इमरान खान ने की।

    प्रधानमंत्री की सूचना एवं प्रसारण मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने बैठक के बाद कहा, “कोर कमेटी ने पवित्र कुरान की बेअदबी की कड़े शब्दों में निंदा की और मामले को ओआईसी व ईयू के समक्ष उठाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि बैठक में इस संबंध में पारित प्रस्ताव को जल्द ही इन दोनों निकायों को सौंपा जाएगा।”

    नार्वे के शहर क्रिस्टियानसांड में बीते हफ्ते धुर दक्षिणपंथी संगठन ‘स्टॉप इस्लमाइजेशन आफ नार्वे’ ने प्रदर्शन किया था जिसमें कुरान को जलाने का प्रयास किया गया। प्रदर्शनकारियों की मौजूदगी में एक मुस्लिम युवक ने कुरान जलाने वाले पर धावा बोल कर उसके हाथ से कुरान की प्रति लेने की कोशिश की।

    पुलिस ने इस युवक और कुरान जलाने का प्रयास करने वाले को हिरासत में ले लिया था। इस घटना के खिलाफ नार्वे में भी प्रदर्शन हुए हैं और नार्वे की पुलिस ने साफ किया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान होगा लेकिन किसी को भी कानून का उल्लंघन कर किसी दूसरे धर्म का अपमान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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