इंफ़ोसिस के सस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा है कि “हमारे सामने वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती देश के युवाओं को नयी तकनीक के हिसाब से प्रशिक्षित करना व रोजगार के नए अवसर प्रदान कराना है।”
इसी के साथ मूर्ति ने कहा है कि “नयी तकनीक जैसे मशीन लर्निंग, ऑटोमेशन व इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी तकनीकें व्यापार को बढ़ाने में काफी मदद कर सकती है, अगर इनका उपयोग बुद्धिमानी व दृण तरीके से किया जाए।”
नारायण मूर्ति ने इसी के साथ आगे जोड़ते हुए कहा है कि “इंफ़ोसिस कंपनी अपना काम करती रहेगी, हम चाहते हैं कि इसी तरह से अन्य कंपनियाँ भी अपने लोगों को प्रशिक्षित करें।”
मूर्ति के अनुसार अब विश्वविद्यालयों को इनोवेशन से संबन्धित पाठ्यक्रम पर ज़ोर देना चाहिए। इसी के साथ विद्यार्थियों को भी प्रोब्लम सालविंग जैसी विधाओं में भी पारंगत होना आज की जरूरत को देखते हुए अति आवश्यक है।
नारायण मूर्ति के अनुसार इंफ़ोसिस के मैसूर स्थित ट्रेनिंग सेंटर में 1 दिन में 14 हज़ार लोगों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था है।
ऑटोमेशन के विषय पर बात करते हुए मूर्ति ने बताया है कि 1960 व 1970 के दशक में अमेरिका में भी लोगों ने ऐसी ही बातें कर नयी तकनीक को अपनाने का विरोध किया था, लेकिन वहाँ भी जितनी नौकरियाँ ऑटोमेशन के चलते गईं थी, उससे कहीं ज्यादा नौकरियाँ निकाल कर सामने आयीं थीं।
“लोगों को ये बात समझनी होगी कि किसी भी क्षेत्र में कितना भी ऑटोमेशन हो जाये लेकिन उसमें मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता बनी ही रहती है। तकनीक के आ जाने से कार्य में पारदर्शिता का माहौल भी बढ़ जाता है।” नारायण मूर्ति ने कहा।
इसी साल मई में एक रिसर्च से सामने आए आंकड़ों से पता चला था कि देश में अगले 3 साल में उद्योगों में ऑटोमेशन की दर 27 प्रतिशत हो जाएगी, जबकि वर्तमान में यह 14 प्रतिशत है।