संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को ब्रिटेन स्थित रिसर्च कंपनी कमपेरीटेक के उस दावे को बेतुका और संदिग्ध करार दिया, जिसमें कंपनी ने बताया है कि जब नागरिकों पर निगरानी रखने की बात आती है तो, भारत केवल रूस और चीन से ही पीछे है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत बायोमेट्रिक डाटा के व्यापक और आक्रामक उपयोग के मामले में चीन, मलेशिया, पाकिस्तान और अमेरिका के बाद पांचवां सबसे खराब देश है।
मंत्री ने कहा कि आईटी अधिनियम के तहत उचित प्रावधान हैं और डाटा संरक्षण के लिए कानून बनाने का कार्य चल रहा है। इसके अलावा यह आधारहीन कयास हैं कि आधार डाटाबेस में परचेज, बैंक खाता, बीमा और अन्य जानकारियां शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा व्हाट्सअप से इनक्रिप्शन पर समझौता किए बगैर ट्रेसबिलिटी के संबंध में आग्रह को संभावित निजता के हनन के रूप में गलत तरीके से पेश किया गया। इसलिए जब यह रिपोर्ट आती है कि भारत में कानून व अदालतें डाटा की निजता के संरक्षण पर काम कर रही है, तो लोग भारत में कानूनी पक्ष को देखे बिना ही किसी नतीजे पर पहुंच जाते हैं।
मंत्री ने कहा, “कथित रूप से नागरिकों की निगरानी रखने के लिए भारत सरकार की छवि खराब करने के ये प्रयास पूरी तरह से गुमराह करने वाले हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार निजता का अधिकार समेत नागरिकों के मूल अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार कानून के प्रावधानों और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार, सख्ती से काम करती है। इसे सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं कि किसी भी निर्दोष नागरिक उत्पीड़न न हो और उसकी निजता का हनन न हो।
इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय नागरिकों की निजता की सुरक्षा के लिए निजी डाटा संरक्षण पर काम कर रहा है और इसे संसद में पेश किया जाना प्रस्तावित है।
प्रसाद ने कहा कि आधार डाटाबेस से कभी भी डाटा चोरी करने का कोई भी प्रयास नहीं हुआ है। आधार डाटा केंद्रों के लिए, यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) को अच्छे तरीके से डिजाइन किया गया है। यह बहुपरतीय मजबूत सुरक्षा प्रणाली से लैस है और डाटा सुरक्षा के उच्च स्तर को बरकरार रखने के लिए इसे लगातार अपग्रेड किया जाता है।
मंत्री ने कहा, “यूआईडीएआई डाटा हमेशा के लिए पूरी तरह सुरक्षित/इनक्रिप्टेड है। सुरक्षा को और मजबूत करने के उपाय के तहत, रोजाना आधार पर सुरक्षा ऑडिट किए जाते हैं।”
इसके अलावा, यूआईडीएआई डाटा केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते हैं और 24 घंटे इसकी सुरक्षा सीआईएसएफ कर्मी करते हैं।