महाराष्ट्र में राकांपा, कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) का समर्थन करने का फैसला किया है। जबकि कांग्रेस ने पहले ही इस विधेयक को ‘असंवैधानिक’ करार दिया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को ट्विटर पर इसकी घोषणा की।
उन्होंने कहा, “गैर-कानूनी रूप से रह रहे घुसपैठियों को बाहर निकाला जाना चाहिए।”
राउत ने आगे कहा, “अप्रवासी हिंदुओं को नागरिकता दी जानी चाहिए, लेकिन अमित शाह, वोट बैंक बनाने के आरोपों को विराम दें और उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं दें। इस पर आप क्या कहते हैं? और हां (कश्मीरी) पंडितों के बारे में आपका क्या कहना है? क्या अनुच्छेद 370 रद्द किए जाने के बाद वे वापस कश्मीर जाकर रह पाएंगे?”
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को लोकसभा में विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करने वाले हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019, के तहत उन हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, पारसियों, जैनों, और बौद्धों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान की जाएगी, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न से भाग कर यहां आए हैं। हालांकि कांग्रेस के साथ विपक्ष ने पहले ही इस पर आपत्ति जता दी है।
वहीं अल्पसंख्यक संगठन भी इस विधेयक से मुस्लिमों को बाहर रखने को लेकर इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि किसी भी व्यक्ति को उनके धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करना संविधान के खिलाफ है।
माकपा ने भी रविवार को प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि वे प्रस्तावित विधेयक के लिए दो संशोधन पेश करने वाले हैं।