भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी इंडीजीनस पीपल फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) सहित कई आदिवासी समूहों ने सोमवार को नागरिक संशोधन विधेयक के खिलाफ बंद का आयोजन किया, जिसके चलते त्रिपुरा ट्राइबल एरिया ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) के क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित रहा। सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुए और हजारों यात्री बीच रास्ते में फंसे रहे, क्योंकि बंद समर्थक कार्यकर्ताओं ने त्रिपुरा और देश के बाकी हिस्सों के बीच चलने वाले वाहनों और ट्रेनों को आगे जाने से रोक दिया। पुलिस ने कहा कि टीटीएएडीसी क्षेत्रों में कहीं से कोई बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
10,491 वर्ग किलोमीटर के दो-तिहाई क्षेत्र पर अधिकार वाले इस क्षेत्र में 12 लाख से अधिक लोग रहते हैं, जिसमें ज्यादातर आदिवासी हैं।
किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) सहित भारी संख्या में बलों की तैनात की गई है।
असम से होते हुए देश के शेष हिस्सों के साथ त्रिपुरा को जोड़ने वाली एकल रेल लाइन और हाईवे को अवरुद्ध करने को लेकर पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।
बंद के चलते त्रिपुरा यूनिवर्सिटी (केंद्रीय विश्वविद्यालय) और महाराजा बीर बिक्रम विश्वविद्यालय (त्रिपुरा सरकार के तहत) दोनों ही विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया।
अगरतला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कई जिलों से आई खबरों के हवाले से कहा कि त्रिपुरा ट्राइबल एरिया ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के क्षेत्रों में बैंक, शिक्षण संस्थान, दुकानें और बाजार अधिकतर स्थानों पर बंद रहे।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश निजी और यात्री वाहन सड़कों से नदारद रहे। कुछ स्थानों पर सड़कों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करने की कोशिश करने वाले लोगों को पुलिस ने भगाया।
इंडीजीनस पीपल फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने टीटीएएडीसी क्षेत्रों में सोमवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था।
इसके अलावा, अन्य सभी स्थानीय आदिवासी दलों, क्षेत्रीय दलों, गैर सरकारी संगठनों और त्रिपुरा के छात्र और युवा संगठनों के एक संयुक्त संगठन, नागरिक संशोधन विधेयक विरोधी संयुक्त आंदोलन (जेएमएसीएबी) ने भी इस विधेयक के खिलाफ सोमवार से त्रिपुरा में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है।
इंडीजीनस पीपल फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के सहायक महासचिव और प्रवक्ता मंगल देबबर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी ने दो दिसंबर को दिल्ली के जंतरमंतर पर नागरिक संशोधन विधेयक के खिलाफ सात घंटे लंबा प्रदर्शन किया था।