असम के सीनियर मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा है कि अगर नागरिकता संशोधन बिल पास नहीं हुआ तो आने वाले 5 सालों में असम में हिन्दू अल्पसंख्यक हो जायेंगे। पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि असं को दूसरा कश्मीर बनाने से बचाने के लिए नाक्रिकता संशोधन बिल पास करना बहुत जरूरी है।
वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा “अगर ये बिल पास नहीं होगा तो मुझे पुता यकीन है कि आने वाले 5 सालों में असम में हिन्दू अल्पसंख्यक हो जायेंगे और ये उनके लिए फाउदेमंद होगा जो चाहते हैं कि असं दूसरा कश्मीर बन जाए।”
शर्मा का बयां ऐसे वक़्त में आया है जब पुरे पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन बिल के लिए भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
1955 के नागरिकता क़ानून में संशोधन कर के सरकार लोकसभा में पेश करने वाली है। इस बिल के अनुसार अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले अल्पसंख्यक – हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय को 6 साल देश में बिताने के बाद भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। पहले ये समय सीमा 12 साल थी।
पूर्वोत्तर के लोगों द्वारा इस बिल का भारी विरोध किया जा रहा है।
सरकार आज इस बिल को आज लोकसभा में पेश करने वाली है। इस बिल के विरोध में आज पुरे असम में विभिन्न संगठनों द्वारा बंद का ऐलान किया गया है। सिर्फ लोग ही नहीं बल्कि कई राजनितिक पार्टियाँ भी इस बिल का विरोध कर रही है। असम में भाजपा सरकार की सहयोगी असोम गण परिषद् ने इस बिल के विरोध में सरकार से नाता तोड़ एनडीए से अलग हो गई। शिवसेना ने भी कहा हुई कि वो संसद में इस बिल के विरोध में वोटिंग करेगी।