नागरिकता संशोधन बिल को लेकर असम में हो रहे प्रदर्शन पर ममता बनर्जी ने मंगलवार को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी सरकार को उत्तर-पूर्वी राज्यों के लोगों की मांग का ध्यान रखना चाहिए। वे इस मसले पर असामी गायक व संगीतकार भूपेन हजारिका के बेटे के समर्थन में खड़ी हैं।
भूपेन हजारिका को ‘भारत रत्न’ देने का ऐलान करने के बाद हजारिका के बेटे ने फेसबुक पोस्ट कर कहा था कि नागरिकता संसोधन बिल लाने के लिए सरकार उनके पिता के नाम का इस्तेमाल कर रही है।
ममता बनर्जी ने कहा कि टीएमसी सरकार के नागरिकता संशोधन बिल को लाने के विपक्ष में है, इसे वापस ले लिया जाना चाहिए। वहां रह रहे लोगों से नागरिकता का प्रमाण मांगकर सरकार उनकी बेइज्जती कर रही है। जो लोग पाकिस्तान व बांग्लादेश बंटवारे के बाद भारत में आ गए है, अब उनसे क्यों प्रमाण मांगा जा रहा है?
इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान से आए बुद्ध, सिख, जैन, पारसी, ईसाई व हिंदु को मात्र छह साल भारत में रहने के बाद भारत का नागरिक करार देने की बात कही जा रही है। अभी यह सीमा 12 साल तक है।
टीएमसी मुख्य का कहना है कि भूपेन हजारिका एक सम्मानजनक व्यक्ति थे। अगर उनका परिवार जब नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ खड़ा है तो हमें उनके निर्णय का आदर करना चाहिए।
ममता ने मोदी सरकार पर नागरिकता की आड़ लेकर नॉर्थ-ईस्ट के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
यह बातें उन्होंने एयरपोर्ट पर कही जब वे आप सरकार द्वारा आयोजित एंटी मोदी रैली में शिरकत करने के लिए दिल्ली आ रही थी।
फिलहाल यह बिल 8 जनवरी को लोकसभा में पास हो चुका है। आने वाले दिनों में यह राज्यसभा में भी पेश होगा। लोकसभा का यह बजट सत्र बुधवार को खत्म हो जाएगा।
पूछने पर ममता बनर्जी ने बताया कि केजरीवाल ने उन्हें धरना देने के लिए आमंत्रित किया है। इस कार्यक्रम के बाद वे राजधानी में आयोजित गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के कार्यक्रम में जाऐंगी और फिर अन्य राजनीतिक पर्टियों के नेताओं से मुलाकात भी करेंगी।