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    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) का मानना है कि नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) से सबसे ज्यादा लाभ पड़ोसी देशों में अत्याचार का शिकार होकर भारत आए दलितों को होगा। पाकिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले अधिकांश हिंदुओं में दलितों की संख्या सर्वाधिक बताई जाती है, जो वहां सफाईकर्मी का काम करते रहे हैं।

    संघ का मानना है कि देश के अनुसूचित वर्ग के लोगों में इस कानून के बारे में जागरूकता फैलाने की ज्यादा जरूरत है। इसको लेकर संघ ने भाजपा के अनुसूचित वर्ग के नेताओं और मंत्रियों को जागरूकता मुहिम चलाने को कहा है।

    इस सिलसिले में आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल की बीते सोमवार को यहां भाजपा में अनुसूचित वर्ग के वरिष्ठ नेताओं संग बैठक भी हो चुकी है। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, थावरचंद गहलोत, भाजपा उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया सहित अन्य प्रमुख नेता मौजूद रहे।

    सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने पार्टी के इन नेताओं को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दलित समाज के बीच जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेता इस कानून से पड़ोसी देशों में प्रताड़ना के शिकार अल्पसंख्यकों के जीवन मे नया सबेरा आने के बारे में बताएं।

    उन्होंने बताया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं में एक बड़ा तबका अनुसूचित वर्ग का है, जिसे तरह-तरह की प्रताड़ना वहां झेलनी पड़ी। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से बना कानून अत्याचार के शिकार लोगों के जख्मों पर मरहम लगाएगा।

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