पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को लाहौर अस्पताल में दिल की बीमारी के लिए शिफ्ट किया गया है। नवाज़ शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में सात साल की कारावास की सज़ा सुनाई गयी थी। उन्हें कोट लखपत जेल से जिन्नाह अस्पताल ले जाय गया है।
हृदय सम्बंधित बीमारी
डॉन के मुताबिक पंजाब गृह विभाग ने नवाज़ शरीफ को जेल की तरह इस निजी वार्ड मुहैया किया है, जिसमे वह इलाज की समयसीमा तक रहेंगे। डॉक्टर की टीम ने कहा कि “उनकी जांच के नमूनों के नतीजे के बाद, मेडिकल बोर्ड इस नतीजें पर पंहुचा है कि नवाज़ शरीफ को हृदय सम्बंधित इलाज की जरुरत है। इसके लिए उन्हें कार्डियक इंस्टिट्यूट में शिफ्ट कर दिया जाना चाहिए।”
नवाज़ शरीफ के डॉक्टर अदनान खान ने कहा कि उनकी हालत काफी खराब है और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का जेल में मुनासिब इलाज मुमकिन नही है क्योंकि उन्हें हृदय संबंधित गंभीर बीमारी है। उन्होंने कहा कि उचित इलाज के लिए उनकी अस्पताल में निरंतर जांच होनी चाहिए।
पीएमएलएन के नेताओं की मांग है कि नवाज़ शरीफ को इलाज के लिए लंदन भेजने की इजाजत दी जानी चाहिए। हालाँकि लाहौर मेडिकल बोर्ड ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की जांच से सम्बंधित सभी विशेष इलाज पाकिस्तान में भी मौजूद है।
कारावास की सज़ा
नवाज़ शरीफ को भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने पनामा पेपर से सम्बंधित रिश्वतखोरी के आरोप में सात वर्ष की कारावास की सज़ा सुनाई थी। 69 वर्षीय नवाज़ शरीफ को अल अजीजिया स्टील मिल रिश्वतखोरी केस में सात साल की कैद की सजा मिली थी। एवेनफील्ड प्रॉपर्टीज केस, फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट और अल अजीजिया स्टील मिल केस को भ्रष्टाचार विरोधी विभाग ने 8 सितम्बर 2017 को अदालत के समक्ष रखा था, इसकी कार्रवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने नवाज़ शरीफ को अयोग्य करार दिया था।