पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने गुरूवार को शीर्ष अदालत में इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति के बाबत याचिका दायर की है। 69 वर्षीय नवाज़ शरीफ को पिछले दिसंबर से कोट लखपत जेल में सात वर्ष की कारावास के लिए रखा गया है।
26 मार्च को पूर्व प्रधानमंत्री को देश में ही इलाज के लिए छह हफ़्तों की जमानत को मंज़ूरी दी गयी थी। उनके वकील ख्वाजा हरिस ने शीर्ष अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर की है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री को इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति मांगी गयी है।
शरीफ की याचिका के मुताबिक, वह कई हृदय घातक बिमारियों से जूझ रहे हैं। अगर इसका सही तरीके से इलाज न हुआ तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। शरीफ को पाकिस्तानी डॉक्टरों ने ब्रिटेन में उनके नियमित डॉक्टर से इलाज कराने की सलह दी है।
याचिकाकर्ता ने साथ ही 26 मार्च को दिए लिखित आदेश में गलतियों को सुधारने का भी आग्रह किया है। जिसमे यह नहीं लिखा गया है कि अगर शरीफ को जरुरत हुई तो वह इस्लामाबाद उच्च अदालत में जमानत याचिका की अवधि को बढ़ाने के लिए याचिका दायर कर सकते हैं जबकि मौखिक रूप से यह कहा गया था।
याचिका के मुताबिक, बीते दो वर्षों से नवाज़ शरीफ बेहद तनावपूर्ण हालातो से जूझ रहे हैं जिसमे उनकी बेगम के बीमार होने और मौत होने के बाद काफी इजाफा हुआ है। नवाज़ शरीफ तीन दफा पाकिस्तान के वजीर ए आजम बने थे। अल अज़ीज़िया भ्रष्टाचार मामले में कारावास की सज़ा सुनाई गयी थी। शीर्ष अदालत ने जुलाई 2017 में उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य साबित कर दिया था।