लाहौर हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए सोमवार को नवाज़ शरीफ को समन जारी कर आठ अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। याचिका के मुताबिक नवाज शरीफ ने दावा किया था कि मुंबई में साल 2008 में हुए हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े है।
नवाज़ शरीफ ने पाकिस्तानी अखबार डॉन को दिए इंटरव्यू में बताया कि आतंकवादी संगठन पाकिस्तान में सक्रिय है। साथ ही उन्होंने इस ख़ास इंटरव्यू में मुंबई हमले की कार्रवाई में ढिलाई बरतने की भी आलोचना की।
लाहौर हाई कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने डॉन के पत्रकार के खिलाफ भी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। साथ ही उनका नाम आरोपियों की सूची में डालने का हुक्म सुनाया है। सूत्रों के मुताबिक न्यायाधीश ने पत्रकार की अदालत में गैर मौजूदगी पर भी फटकार लगाई।
साथ ही पुलिस को आदेश दिया कि अगली सुनवाई में डॉन के पत्रकार को अदालत में हाजिर किया जाए। अदालत ने समन जारी करने से पहले नवाज़ शरीफ के वकील से अदालत में उनकी गैर मौजूदगी का कारण पूछा। पूर्व प्रधानमंत्री के वकील ने कहा कि नवाज़ अपनी महरूम बेगम का शोक में है।
याचिकाकर्ता यामिना मालिक ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा साल 2017 में लीक हुए पनामा पेपर में राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य घोषित हुए और हाल ही में एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में 10 साल कैद की सजा काट रहे नवाज शरीफ ने बयान दिया कि मुंबई हमले कि जड़े पाकिस्तान से जुडी हुई है। उनको इस बयान का का कारण बताना होगा।
याचिकर्ता ने शाहिद खक्कान अब्बासी का नवाज़ शरीफ का बचाव करना उनकी शपथ, कि वह निजी हित के लिए कभी अधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे का सरासर उल्लंघन है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर लीक मामले में पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था।
साथ ही एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। नवाज़ शरीफ, उनकी पुत्री मरियम और दामाद मोहम्मद सफ़दर को पिछले हफ्ते इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने रिहा कर दिया था।
मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे। जिसमे नौ आतंकी संगठन लश्कर- ए-तैयबा के सदस्य थे। इस हमले में पकडे गए आरोपी अजमल कसाब को फांसी कि सजा सुनाई गयी थी।