यूनिसेफ ने मंगलवार को कहा कि भारत ने 1 जनवरी, 2019 को यानी नए साल के दिन 69944 बच्चों का स्वागत किया है। यूनाइटेड नेशन इंटरनेशनल चाइल्डस इमरजेंसी फंड की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के बाद चीन ने 44940 बच्चों का नव वर्ष में स्वागत किया है। नाइजीरिया में 25685 बाचों ने जन्म लिया है।
साल 2019 में यूएन के बाल अधिकार को मान्यता दिए 30 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। इस मौके को यूनिसेफ प्रतिवर्ष समस्त विश्व में आयोजित करता है। यूनिसेफ ने कहा कि इस सम्मेलन के तहत सरकार सभी बच्चों को उच्च दर की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कर सुरक्षित रखेगी।
यूनिसेफ के डिप्टी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पेट्री गोर्नित्ज्का ने कहा कि नव वर्ष के मौके पर हम सभी बच्चों के अधिकारों को पूरा करने की प्रतिज्ञा लेते हैं और इसकी शुरुआत जीवित बने रहने से करते हैं। उन्होंने कहा कि हम लाखों बच्चों की जान बचा सके हैं, यदि हम स्थानीय स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रशिक्षण और उपकरणों में निवेश करे, ताकि हर बच्चा सुरक्षित हाथों में जन्म ले सके।
यूनिसेफ ने कहा कि साल 2017 में 10 लाख बच्चों की जन्म लेते ही मौत हो गयी थी, और 25 लाख बच्चों ने जन्म के एक माह के भीतर ही अपनी आखें मूँद ली थी। यूनिसेफ के मुताबिक अधिकतर बच्चों की मौत समय से पहले जन्म, डिलीवरी के दौरान परेशानियां और इन्फेक्शन से हुई है, जो सरासर जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन है।
यूनिसेफ के अनुसार भारत के 69944 बच्चों सहित विश्व में नए साल के मौके पर अनुमानित 395072 बच्चों का जन्म होगा। दक्षिण एशिया में एक विश्व के एक चौथाई बचों का जन्म होगा। 15112 बच्चों के जन्म के साथ पाकिस्तान इस सूची में चौथे पायदान पर है जबकि बांग्लादेश 8448 बच्चों के जन्म से आठवें पायदान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर जन्म लेने वाले बच्चों में 18 प्रतिशत जन्म भारत में होगा।