पंजाब के चार कैबिनेट मंत्रियों ने नवजोत सिंह सिद्धू पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए उन्हें निलंबित करने की मांग की है। उन्होंने सिद्धू पर भाजपा या आम आदमी पार्टी के इशारे पर मुख्यमंत्री पर हमला करने का आरोप लगाया है। लेकिन अमृतसर पूर्व विधायक सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ अपने तीखे हमले जारी रखे हैं।
क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरुवार को पलटवार करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से कहा कि वह “पार्टी सहयोगियों के कंधों पर बंदूक रखकर ना चलाएं”।
“आज और कल, मेरी आत्मा की मांग है कि गुरु साहिब के लिए न्याय हो, मैं कल भी इसे दोहराहूंगा! पंजाब की अंतरात्मा पार्टी लाइन से ऊपर है, पार्टी साथियों के कंधों पर बंदूक रखकर चलाना बंद करो। आप सीधे जिम्मेदार और जवाबदेह हैं” – नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट में कहा
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इससे पहले सिद्धू से नाराजगी जताते हुए उनके व्यवहार को “पूर्ण अनुशासनहीनता की हद बताई है”।
पंजाब के चार मंत्री – बलबीर सिद्धू, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशु और गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने बुधवार को कहा था कि पिछले कई दिनों से अमरिंदर सिंह पर सिद्धू के “भड़काऊ और लक्षित” हमले कांग्रेस के लिए एक आपदा का निमंत्रण है।
नवजोत सिंह सिद्धू और कांग्रेस से पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच यह सारी तनातनी 2015 के कोटकपूरा फायरिंग मामले से जुड़ी है। 2015 कोटकपूरा फायरिंग मामले में हाल ही में अदालत के फैसले को लेकर सिद्धू द्वारा मुख्यमंत्री पर हमला करने के बाद पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर से उथल-पुथल होती दिख रही है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पुलिस फायरिंग की घटना में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दायर आरोप पत्र को खारिज करते हुए बादल परिवार को क्लीन चिट दे दी है। सिद्धू ने अदालत के फैसले के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को दोषी ठहराया है और घटनाओं के दोषियों के साथ “मिलीभगत” करने का आरोप भी लगाया है।