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    भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी

    तेल संघठन ओपेक भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जैसे वैश्विक नेताओं के विचारों पर चर्चा करेगा। नरेन्द्र मोदी उपभोक्ता राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे। सऊदी अरब के तेल मंत्री ने कहा कि गिरते हुए तेल कीमतों के समर्थन में तेल के उत्पादन में कटौती से पूर्व वैश्विक नेताओं के विचारों पर गौर करेंगे।

    तेल कीमते बढ़ने से डोनाल्ड ट्रम्प की नीति की असर

    विश्व का भारत तीसरा तेल उपभोक्ता देश है, ऊर्जा जरूरतों की पूर्ती के लिए भारत 80 फीसदी आयात पर निर्भर रहता है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेल उत्पादक देशों को कीमते उचित और उत्तरदायी रखनी होगी।

    पत्रकारों से ओपेक की बैठक के दौरान बातचीत करते हुए तेल मंत्री ने कहा कि हम नरेन्द्र मोदी के विचारों पर गंभीरता से चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम नरेन्द्र मोदी से एर्जेन्टीना में आयोजित जी 20 के सम्मेलन में मिले थे और उन्होंने अपने विचारों को रखा था, उन्होंने कहा कि वह भारतीय उपभोक्ताओं की फ़िक्र करते हैं और इस मसले पर बेहद गंभीर है।

    उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प विश्व के सबसे बड़े उपभोक्ता देश के राष्ट्रपति है, 21 लाख बैरल, वैश्विक बाज़ार का 20 फीसदी होता है। इसी कारण उनका अधिकार है कि उनकी जनता को ऊर्जा उचित दामों में मुहैया की जाए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प पसंदीदा सोशल साईट ट्विटर से पाने विचार हम तक पंहुचाते हैं और हम उन्हें बेहद गंभीरता से लेते हैं।

    बाज़ार में गिरती तेल की कीमते

    बैठक के दैरान डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा था कि उम्मीद है ओपेक तेल का बहाव नहीं रोकेगा और ऐसा कोई निर्णय नहीं लेगा जिससे तेल की कीमते बढ़ जाएँ।

    https://twitter.com/realDonaldTrump/status/1070328136150200320

    बाज़ारों में तेल की कीमतें धड़ल्ले से गिर रही है। इससे तेल उत्पादक की चिंता बढ़ गयी है। ख़बरों के मुताबिक तेल की कीमतों में इजाफा करने के लिए ओपेक उत्पादन में कमी का निर्णय ले सकता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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