भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी सप्ताह दक्षिण कोरिया की दो दिवसीय यात्रा पर जायेंगे। इस यात्रा पर नरेंद्र मोदी दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता रणनीतिक समझौतों को मज़बूत करने और सीओल पीस प्राइज के बाबत बातचीत करेंगे।
भारतीय प्रधानमंत्री 21 फरवरी को सीओल पंहुचेंगे, जिसमे दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति के बाबत बातचीत करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि “यह स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर अपने विचार साझा करने का बेहतर अवसर होगा, जो साझा हित पर आधारित होंगे। इसका उद्देश्य साझा मूल्यों और हितों पर आधारित दो देशों की विशेष रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करना होगा।
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल 2018 में जीता हुआ सीओल शान्ति पुरूस्कार भी सौंपा जायेगा। इस समारोह का आयोजन 22 फरवरी को सीओल पीस प्राइज कल्चरल फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जायेगा। इसमें पीएम मोदी को राष्ट्रिय व अंतर्राष्ट्रीय योगदान के लिए पुरूस्कार दिया जायेगा।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन जुलाई, 2018 में भारत की यात्रा पर आये थे। साथ ही दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग सूक ने नवंबर 2018 में आयोध्या में आयोजित दीपोत्सव में शिरकत की थी। भारत को एक्ट ईस्ट पालिसी के तहत दक्षिण कोरिया के साथ अपने संबंधों को प्रगाढ़ करना होगा।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोरियाई गणतंत्र के सीओल शांति पुरूस्कार 2018 से नवाज़ा गया था। उन्हें यह सम्मान भारत आर्थिक वृद्धि में योगदान और विश्व को ‘मोदिनोमिक्स’ के मंत्र से नफा पहुँचाने के लिए दिया गया था। इसी के साथ ही पीएम मोदी इस सम्मान को ग्रहण करने वाले 14 वीं हस्ती और पहले भारतीय बन गए थे।
सीओल पुरूस्कार विजेता के ऐलान से पूर्व कमिटी ने पीएम मोदी के भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि के योगदान की समीक्षा की थी। उन्होंने कहा मोदिनोमिक्स ने अमीरों और गरीबों के मध्य सामाजिक और आर्थिक भेदभाव को कम कर दिया है। समिति ने कहा की प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार रोधी अभियान और विमुद्रीकरण करके सरकार को पारदर्शी बना दिया है।
उन्होंने पीएम मोदी की विदेश नीति की तारीफ़ की साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक शांति में उनके योगदान को सराहा है। उन्होंने भारत की मोदी डॉक्ट्रिन और एक्ट ईस्ट पालिसी विदेश नीति की भी तारीफ की थी।