नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)| नई केंद्र सरकार के जिन 24 कैबिनेट मंत्रियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले दिनों शपथ दिलाई है, उनमें से केवल चार मंत्री ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग)-1 में शामिल थे। इससे मोदी सरकार पर अटल-आडवाणी की छाप में कमी का संकेत मिलता है।
राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद, मुख्तार अब्बास नकवी और प्रहलाद पटेल मोदी 2.0 में शामिल होने वाले ऐसे मंत्री हैं, जो वाजपेयी की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री थे। अरुण जेटली ने स्वास्थ्य कारणों से मंत्रिमंडल से बाहर रहने का फैसला किया और सुषमा स्वराज को विदेश मंत्री बनाया गया।
राजग-1 के कई मंत्री -उमा भारती, मेनका गांधी, जुआल ओरम और विजय गोयल, जो 2014 में टीम मोदी में शामिल थे, उन्हें इसबार मंत्री नहीं बनाया गया है। यह एक पीढ़ीगत बदलाव का संकेत देता है।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में गृहमंत्री रहे राजनाथ सिंह को मोदी 2.0 में रक्षामंत्री बनाया गया है। वह वाजपेयी के नेतृत्व में 1999 में परिवहन मंत्री बने थे और बाद में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बने थे। उन्होंने इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ड्रीम प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम(एनएचडीपी) की शुरुआत की थी।
मौजूदा मोदी सरकार में एकमात्र मुस्लिम चेहरा मुख्तार अब्बास नकवी वाजपेयी की सरकार में सूचना व प्रसारण मंत्री थे।
नकवी को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य राज्यमंत्री बनाया गया था। 2019 में उन्हें फिर से मोदी सरकार में शामिल किया गया और उनका अल्पसंख्यक मंत्रालय बरकरार है।
शत्रुघ्न सिन्हा को पटना साहिब सीट से हराने वाले रविशंकर प्रसाद ने न केवल कानून-न्याय और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय बरकरार रखा, बल्कि उन्हें संचार मंत्रालय का भी प्रभार सौंपा गया है।
वाजपेयी के सरकार में भी, उन्होंने सूचना व प्रसारण मंत्री के अलावा कानून एवं न्याय मंत्रालय का कार्यभार संभाला था।
मोदी सरकार में शामिल किए गए अन्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने भी अटल-आडवाणी सरकार में काम किया था। 15 वर्षो के अंतराल के बाद, उन्हें गुरुवार को मोदी सरकार में राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शामिल किया गया। वह नए संस्कृति और पर्यटन मंत्री हैं।
पटेल वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे।