भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरूवार को बिश्केक (Bishkek) में आयोजित संघाई सहयोग संघठन के दो दिवसीय सम्मेलन में शरीक होने के लिए रवाना हो चुके हैं। बिश्केक में एससीओ की बैठक के इतर भारत रूस और चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेगा।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किर्ग़िज़स्तान की राजधानी बिश्केक में कॉउन्सिल ऑफ़ हेड ऑफ़ स्टेट की बैठक में 13 से 14 जून तक शामिल होंगे। राजधानी में ही द्विपक्षीय बैठकों का आयोजन होगा। 14 जून को भारत मेज़बान देश किर्ग़िज़स्तान के साथ ही मुलाकात करेगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी इस सम्मेलन में शरीक होंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव शुरू होने के बाद पहली दफा दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय मंच पर आमने सामने होंगे। 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तानी समर्थित जैश ए मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था जिसमे 40 जवान शहीद हुए थे।
26 फरवरी को भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में चरमपंथियों के ठिकानों पर बमबारी की थी। इसके अगले दिन पाकिस्तानी वायुसेना ने जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना के ठिकानों पर हमला किया था। दोनों देशों की वायुसेना के बीच काफी झड़प हुई और इसमें भारत के पायलट अभिनन्दन वर्तमान को पाकिस्तान ने हिरासत में ले लिया था।
इमरान खान और नरेंद्र मोदी के बीच इसके बाद कोई बातचीत नहीं हुई है। पाकिस्तानी समकक्षी ने भारतीय समकक्षी को पत्र लिखा था और कहा कि पाकिस्तान दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत करना चाहता है। भारत ने हाल ही ऐलान किया कि प्रधानमंत्री मोदी किर्ग़िज़स्तान के लिए पाकिस्तानी वायुमार्ग का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसके बजाये वह ईरान और ओमान के लम्बे रास्ते से गुजरेंगे।
साल 2017 में भारत और पाकिस्तान एससीओ के पूर्ण सदस्य बन गए थे। इसकी स्थापना साल 2001 में हुई थी और इसके सदस्य देशों चीन, किर्ग़िज़स्तान, कज़ाकिस्तान, रूस, ताजीकिस्तान और उज़्बेकिस्तान ने इसकी स्थापना की थी।