चीन द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे का कड़ा विरोध करने के बाद, भारत ने पलटवार करते हुए कहा कि संवेदनशील सीमावर्ती राज्य, देश का “अभिन्न और अविच्छेद्य भाग” है। चीन ने दौरे की निंदा करते हुए कहा था कि भारत ने कभी इस राज्य को स्वीकार नहीं किया इसलिए उन्हें राज्य के लिए कोई भी कदम उठाने से बचना चाहिए।
चीन के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए, विदेश मंत्रालय ने कहा-“भारतीय नेता समय समय पर अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते हैं जैसे वे देश के बाकी हिस्सों का भी करते हैं। यह सुसंगत स्थिति कई अवसरों पर चीनी पक्ष को बताई गई है।”
पीएम मोदी ने आज अरुणाचल प्रदेश में 4000 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया और कहा कि सरकार सीमावर्ती राज्य में कनेक्टिविटी सुधारने पर बहुत ध्यान दे रही थी। उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार हाईवे, रेलवे, एयरवे और पावर स्थिति को सुधारने का प्रयास कर रही है जिसे पिछली सरकार ने नजरअंदाज कर दिया था।
चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा-“चीन भारत ये यह अपील करता है कि द्विपक्षीय संबंधों की पूरी स्थिति को देखते हुए वे चीन की चिंता और उसके हितों का आदर करे, दोनों देशों के बीच संबंधों की प्रगति पर ध्यान दे और उन चीजों से दूर रहे जिनसे विवाद पैदा हो और सीमा मुद्दा जटिल हो।”
दोनों देशों की तरफ से तमाम द्विपक्षीय संबंधों में सुधार को लेकर प्रयासों के बावजूद भारत-चीन का पर्वतीय सीमा क्षेत्र, जिसके चलते 1962 में युद्ध हुआ और उससे लगते इलाका जिसे चीन तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा बताता है, वह एक संवेदनशील मुद्दा रहा है।