Sun. Nov 17th, 2024
    शनिवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में 22 जवान शहीद और 31 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। एक जवान अभी भी लापता है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपने बयान में बताया कि कुल 12 माओवादियों को मार गिराया गया और 16 माओवादी मुठभेड़ में घायल हुए।  दरअसल 3 अप्रैल, 2021 को माओवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ शुरू हुई थी। यह घटना छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा के जगरगुंडा क्षेत्र की है।
    शहीद हुए जवानों में से आठ डीआरजी के जवान, सात केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के कोबरा के जवान, छः स्पेशल टास्क फाॅर्स के जवान और एक सात केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के ‘बस्तरिया’ टुकड़ी का जवान शामिल है।

    बड़े ऑपरेशन की तैयारी 

    नक्सलियों के इस कायरना हरकत के बाद गृह मंत्रालय अलर्ट मोड में आ गया है और नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज छत्तीसगढ़ के बीजापुर जा रहे हैं।  वह शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देंगे।  इसके साथ गृह मंत्री अमित शाह आज अस्पताल में घायल जवानों से मुलाकात करेंगे।

    कई सालों में सबसे बड़ा नक्सली हमला 

    पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में यह माओवादियों का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माओवादियों से मुठभेड़ में जवानों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। अधिकारियों ने बताया कि माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच क़रीब चार घंटे तक मुठभेड़ चली। इस घटना में माओवादियों को भी काफ़ी क्षति पहुँची है।

    सात घायल जवान खतरे से बाहर 

    मुठभेड़ में घायल हुए 31  जवानों को बीजापुर और रायपुर के अस्पतालों में भर्ती किया गया है। इनमे से सात बेहद गंभीर रूप से घायल जवानों को रायपुर रवाना किया गया था जो अब खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं ।

    800 से अधिक थी नक्सलियों की संख्या 

    पहाड़ियों के किस हिस्से में नक्सली छिपे हो सकते हैं या वह प्वाइंट जहां घात लगाकर हमला हो सकता है, इसकी ‘खुफिया’ जानकारी में ऐसी सटीक सूचना का अभाव था। इसके उलट नक्सलियों को  इस ऑपरेशन की जानकारी थी। केंद्रीय सुरक्षा बल के एक अधिकारी, जो तर्रेम ऑपरेशन से जुड़े हैं, उन्होंने बताया यह एक संयुक्त ऑपरेशन था। सब कुछ तय रणनीति के तहत हो रहा था। सुरक्षा बलों की कई टीमें अलग-अलग दिशाओं में निकली हुई थी। जिस टीम पर हमला हुआ है, उसमें लगभग 400 जवान थे। नक्सलियों की संख्या 800 से अधिक बताई जा रही है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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