अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी मॉर्गन स्टैनले की हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार नए ई-कॉमर्स नियमों के लागू होने की वजह से वालमार्ट फ्लिप्कार्ट को छोड़ सकती है उन्होंने चीन का हवाला देते हुए कहा की जैसा की चीन में अमेज़न ने अपने ऑपरेशन बंद कर दिए थे उसी प्रकार नए नियमों के कारण वालमार्ट भारत से विदा ले सकता है।
मॉर्गन स्टैनले का बयान :
इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक नए ई-कॉमर्स नियमों और वालमार्ट की इस रिपोर्ट में मॉर्गन स्टैनले ने बताया की इन नियमों के आने के बाद वालमार्ट की भारत से निकलने की बिलकुल संभावना नहीं है ऐसा बिलकुल नहीं कहा जा सकता है। 2017 में कुछ इसी तरह अमेज़न ने भी चीन से विदाई ली थी जब उसे लगा था की उनका मॉडल अब यहाँ काम नहीं करेगा।
इन नए नियमों के तहत मॉर्गन स्टैनले के अनुसार फ्लिप्कार्ट अपनी वेबसाइट पर से लगभग 25 प्रतिशत उत्पाद हटा लिए हैं। इससे फ्लिप्कार्ट की आय में भारी गिरावट होगी।
क्या हैं नए ई-कॉमर्स नियम ?
ई-कॉमर्स के नए नियम गतवर्ष दिसम्बर के आखिरी सप्ताह में बनाए गए थे। नए नियमों के अंतर्गत ये ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफार्म अब अपनी वेबसाइट पर भारी छूट देकर उत्पादों को नहीं बेच सकते हैं और ना ही एक्सक्लूसिव डील के तहत उत्पादों के तहत अपने उत्पादों क बेच सकते हैं।
इसके अलावा अब विदेशी ई-कॉमर्स विक्रेता ऐसी कंपनी के उत्पाद अपनी वेबसाइट पर नहीं बेच पायेंगे जिसमे इनकी 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। नए नियम बनाने इसलिए जरूरी हो गए क्योंकि बहुत समय से ऑफलाइन और छोटे खुदरा विक्रेताओं से शिकायतें मिल रही थी की ई-कॉमर्स वेबसाइट भारी छूट देकर सभी ग्राहकों को आकर्षित कर लेती हैं जिससे उनके व्यापार में भारी नुक्सान हो रहा है।
बिक्री में आएगी भारी गिरावट :
PwC द्वारा तैयार किए गए विश्लेषण से पता चला है कि ऑनलाइन बेची जाने वाली वस्तुओं का सकल-व्यापारिक मूल्य मार्च में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में उम्मीदों से 800 मिलियन डॉलर कम हो सकता है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले तीन वर्षों में बिक्री में भारी गिरावट देखि जा सकती है, जो अगले तीन वर्षों में $ 45.2 बिलियन से कम हो सकती है।
क्यों बनाए गए नए नियम :
नए नियम बनाने इसलिए जरूरी हो गए क्योंकि बहुत समय से ऑफलाइन और छोटे खुदरा विक्रेताओं से शिकायतें मिल रही थी की ई-कॉमर्स वेबसाइट भारी छूट देकर सभी ग्राहकों को आकर्षित कर लेती हैं जिससे उनके व्यापार में भारी नुक्सान हो रहा है।
इसके चलते सरकार को व्यापार के नए नियम बनाने पड़े जिससे अब भारी छूट देना बंद करना होगा। इससे छोटे खुदरा व्यापारियों के व्यापार के हालात सुधरने की उम्मीद है।